तेंदुए ने मार दी रिटायर फौजी आलम सिंह की आजीविका दुधारू गाय !
दुश्मन को मार गिराने में सक्षम फौजी अपने गावों में अपना पशु धन नहीं बचा पा रहे।

तेंदुए ने मार दी रिटायर फौजी आलम सिंह की आजीविका दुधारू गाय !
दुश्मन को मार गिराने में सक्षम फौजी अपने गावों में अपना पशु धन नहीं बचा पा रहे।
गढ़वाल के गावँ की मूल समस्यायें अब पहाड़ की तरह
कचोट रही हैं।
बंदर, सूअर के साथ अब तेंदुए का आतंक पहाड़ के गांवों में जानलेवा
चुनौती बन गए हैं।
रात में शिकार करने वाला तेंदुआ अब दिन दहाड़े पशु धन, बच्चों और महिलाओं
को अपना निवाला बना रहा है।
वन विभाग घटना के बाद पिंजरा लगाने और आदमखोर को मारने का
आदेश जारी करने तक सीमित है।
ऐसे में पहाड़ के गांवों से पलायन थामना नामुमकिन है।
बच्चों की शिक्षा, स्वास्थ्य, खेती – पाती, सड़क और मकानों का
रख -रखाव पहले ही चुनौती बने हुए हैं।
ग्राम..जैंतोली तल्ली, विकासखंड एकेश्वर के आलम सिंह पंवार की उम्र
74 वर्ष है। भारतीय सेना से हवलदार मेजर की पैंशन लेकर रिटायर हुए।
अब तक अपने गांव खलियान, माटी पाणी के लिए पूरी तरह समर्पित रहे
और गांव को आबाद किया।
सेवा निवृत्ति के उपरान्त पलायन के खिलाफ पहाड़ की तरह अडिग रहे।
अपने अनुभव और ताकत के साथ, नितांत शांत भाव से बकरी …गौ पालन
और खेती पाती से जुड़े रहे।
अब वृद्ध अवस्था में अपनी गाय और पशुओं को तेंदुए से रक्षा न कर पाने से
आलम सिंह पंवार गहरी निराश में हैं।
अपने गांव में अपने पशुधन आजीविका को बचा पाने में असफल
रिटायर फौजी हताश हैं कि पिछले 75 सालों से गांव की समस्यायें
घटने की जगह और विषम बन गई हैं।
दुश्मन को मार गिराने में सक्षम रिटायर फौजी अब नेता,
अधिकारी, वन विभाग और प्रशासन की ओर ताकते हैं – उन के गांव
और पशुधन बचाने की योजनायें ज़मीन पर दिखायें।
दुधारू गाय, तेंदुए ने मार दी और बछड़ा मां के विछोह में हलकान है।
पाली हुई बकरियां दहशत में हैं – आदमखोर गुलदार जल्दी ही उन्हें भी
निशाना बना देगा।
दूरदर्शन से जुड़े नरेंद्र सिंह रावत बताते हैं – पीड़ित परिवार को सरकारी
मदद के लिए पता नहीं कितना वक्त और परेशानी उठानी हैं।
पदचिह्न टाइम्स।