तालिबान कथा -3, मिल गए अशरफ गनी साहब !
भारत अभी कश्मकश में – तालिबान सरकार से कैसे निभायें।
— भूपत सिंह बिष्ट
अफगानिस्तान के भगौड़े राष्ट्रपति अशरफ गनी ने यूनाइटेड अरब अमीरात में राजनीतिक शरण ली है। यूएई सरकार ने विज्ञप्ति जारी की है – अपरिहार्य परिस्थिति में अशरफ गनी को परिवार सहित शरण दी गई है।
इंग्लैंड और अमेरिका अफगानी महिलाओं और बच्चों को शरण व सुरक्षा देने के लिए योजनायें बना रहे हैं। एक सप्ताह के भीतर योजना का मसौदा दुनिया के सामने होगा।
भारत ने भी अफगानी नागरिकों को अस्थायी वीसा बढ़ाने और जरूरतमंदों को आवश्यक मदद देने का मन बना लिया है। सूत्रों के अनुसार तालिबान सरकार गठन के बाद ही विदेश मंत्रालय अपनी रणनीति को अमली जामा देगा। भारत के सहयोगी नागरिकों को सुरक्षा देने में वचनबद्धता रहेगी।
जलालाबाद में तालिबान विरोधी प्रदर्शन में नागरिकों ने भाग लिया और भीड़ को तीतर बीतर करने के लिए तालिबानों ने गोलियां और डंडे बरसाये। खबरों में एक मौत और पांच जख्मी बताये गए हैं। यह अपने आप में हैरतंगेज विरोध माना जा रहा है।
— भूपत सिंह बिष्ट