भारतीय दूतावास बंद होने से अफगानिस्तान में फंसे नागरिक परेशान !
अफगानिस्तान में फंसे उत्तराखंड वासियों की सुरक्षित वापसी को सरकार गंभीर : मुख्यमंत्री धामी ।
— भूपत सिंह बिष्ट
तालिबान के कब्जे में अफगानिस्तान के हालात बदतर हो गए हैं – बंदूक की नोक पर चलायी जा रही सत्ता का मुखिया घोषित नहीं हो पा रहा है।
सरकार के सभी प्रमुख विभाग अब अल्लाह के भरोसे छूटे हैं।
विदेश से मिलने वाली आर्थिक मदद, स्वास्थ्य , शिक्षा और विभिन्न परियोजनाओं पर काम ठप पड़ा है और ना ही विश्व भर से मिलने वाली सहायता निरंकुश तालिबानियों के रहते मिलना मुमकिन नजर आ रहा है।
दूतावास बंद होने के बाद चार सौ से अधिक नागरिक स्वदेश लौटने के लिए बेताब हैं और इस में सभी समुदाय के लोग शामिल हैं।
भारत ने अफगानी नागरिकों के लिए आनलाइन ई -एमरजैंसी वीसा ( e- emergency X – Misc Visa) सुविधा शुरू कर दी है और फिलहाल यह सुविधा छह माह के लिए है।
उल्लेखनीय है कि विगत दो दशकों से बड़ी संख्या में अफगानी भारत में तालिबान आतंक से पीड़ित होकर शरण लेने पहुंच रहे हैं।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी नई दिल्ली स्थित उत्तराखण्ड के स्थानिक आयुक्त को अफगानिस्तान से लौटने वाले उत्तराखण्डवासियों के संदर्भ में भारत सरकार के विदेश मंत्रालय के निरंतर सम्पर्क में रहने के निर्देश दिये हैं।
मुख्यमंत्री ने स्थानिक आयुक्त को अफगानिस्तान से लौटने वाले उत्तराखण्ड के लोगों को निशुल्क उत्तराखंड पहुंचाए जाने की व्यवस्था सुनिश्चित करने को भी कहा है। ऐसे लोगों की सूची स्थानिक आयुक्त कार्यालय को उपलब्ध करा दी गई है।
मुख्यमंत्री ने अफगानिस्तान में फंसे उत्तराखंडवासियों के परिजनों से अनुरोध किया है कि उन लोगों के अफ़ग़ानिस्तान के फोन नम्बर उपलब्ध करा दें ताकि उनसे सम्पर्क किया जा सके। यह जानकारी 112 नम्बर पर उपलब्ध कराई जा सकती है।
— भूपत सिंह बिष्ट