51 संसद सदस्य और 71 – विधान सभा सदस्यों के खिलाफ मामले लंबित !
58 मामलों में हो सकती है आजन्म कारावास की सजा !

51 संसद सदस्य और 71 – विधान सभा सदस्यों के खिलाफ मामले लंबित !
58 मामलों में हो सकती है आजन्म कारावास की सजा !
चीफ जस्टिस आफ इंडिया एन वी रमण ने सीबीआई में स्टाफ की कमी के कारण जांच और चार्जशीट फाइल करने में हो रहे विलंब पर चिंता जाहिर की है। न्यायपालिका के साथ आज सीबीआई भी काम के बोझ में दब गई है। जजों की कमी से अब एक ट्रायल कोर्ट में एक हजार मामले सुने जा रहे हैं। इस विलंब के लिए सीबीआई को कसूरवार ठहरना सही नहीं है।
चीफ जस्टिस रमण की खंडपीठ में जस्टिस डीवाय चंद्रचूड़ और जस्टिस सूर्य कांत ने आज वर्तमान और पूर्व सांसदों – विधायकों के लंबित अपराधिक मामलों की याचिका पर सुनवाई की।
सुप्रीम कोर्ट में दाखिल आज एक रिपोर्ट में बताया गया कि 51 संसद सदस्य और 71 – विधान सभा सदस्यों के खिलाफ मनी लांड्रिंग एक्ट 2002 के तहद मामले लंबित हैं।
सीबीआई में लंबित मामलों में 58 मामले ऐसे हैं, जिन में आजन्म कारावास की सजा सुनाई जा सकती है। जबकि तीन दर्जन से अधिक मामलों में अभी चार्ज फ्रेम होने बाकि हैं।
37 विधायकों के खिलाफ जांच अभी शुरू नहीं हो पायी है और सीबीआई को उम्मीद है कि जांच 2030 तक पूरी होने की संभावना है।
सालिस्टर जनरल तुषार मेहता को आगाह किया गया कि 10 – 15 साल बीतने पर भी चार्ज शीट दाखिल नहीं की जा रही है। दो सौ करोड़ की सम्पति कुर्क की गई लेकिन चार्जशीट का पता नही है और इस से मुकदमें पैंडिंग चल रहे हैं। सो इन मामलों पर तेजी से कार्यवाही की जाए।
— भूपत सिंह बिष्ट