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कार मालिकों को टीएमयू का अनमोल तोहफा

चूहों की खैर नहीं, अब नहीं काट पायेंगे तार

कार मालिकों को टीएमयू का अनमोल तोहफा,  चूहों की खैर नहीं, अब नहीं काट पायेंगे तार

इलेक्ट्रॉनिक के पाँच प्रोफेसरों ने ईजाद की डिवाइस, आस्ट्रेलिया इंनोवेशन पेटेन्ट ग्रांट को मिली हरी झंडी , डिवाइस लागत मात्र पाँच हजार !

तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी के दो प्रोफेसरों ने चूहे भगाने का आधुनिक डिवाइस बनाकर कार मालिकों को नायाब तोहफा दिया है। हालांकि इसमें तीन अन्य प्रोफेसरों का भी उल्लेखनीय योगदान है।

यह डिवाइस कार के दुश्मनों यानी चूहों पर चौतरफा प्रहार करेगी। अब वाहन चाहें रात भर जंगल में पार्क रहे या अपने पोर्च में -चूहे आपके वाहन के पास नहीं फटकेंगे।

टीएमयू के दो प्रोफेसर डॉ. अमित शर्मा और डॉ. अनुज अग्रवाल की इस इंनोवेशन में अग्रणी भूमिका है। डॉ. अमित शर्मा टीएमयू पॉलीटेक्निक में प्राचार्य पद पर तैनात हैं। टीएमयू के कुलाधिपति श्री सुरेश जैन, जीवीसी श्री मनीष जैन, कुलपति प्रोफेसर रघुवीर सिंह और एमजीबी के सदस्य श्री अक्षत जैन ने इसे बड़ी उपलब्धि करार देते हुए कहा है कि यह पेटेन्ट ऑटोमोबाइल क्षेत्र में मील का पत्थर साबित होगा।

ऐसे मिला डिवाइस का आइडिया
कोविड लॉक डाउन के समय में चौपहिया वाहन मात्र शोपीस बनकर रह गए थे, जिससे चूहों ने कार आदि वाहनों को अपना शिकार बनाया। तार आदि काटकर कारों को क्षति पहुँचाई। जब इस समस्या के बारे में डॉ. अमित शर्मा ने अपने आस-पड़ोस और परिचितों से सुना तो उन्होंने इसका स्थाई निदान निकालने के लिए अपने प्रोफेसर दोस्तों से गहन मंथन किया। सभी ने मिलकर इस दुश्वारी से निजात पाने के लिए डिवाइस बनाने का फैसला लिया।

डिवाइस की विशेषताएँ और कार्यप्रणाली
यह डिवाइस एक स्वचालित आई.ओ.टी. आधारित इलेक्ट्रॉनिक प्रणाली है, जिसमें माइक्रोप्रोसेसर / माइक्रोकंट्रोलर आधारित एम्बेडेड कंट्रोल यूनिट का प्रयोग किया गया है। इस डिवाइस का उद्देश्य ऑटोमोबाइल में चूहों आदि को दूर भगाना / डराना है। जो ऑटोमोबाइल के तारों को नुकसान पहुँचाते हैं। इस डिवाइस को बोनट के नीचे लगाने का प्रावधान किया गया है।

आविष्कृत प्रणाली मोशन सेंसर पर आधारित है, जिसमें चूहों की आवाजाही का आसानी से पता लगाने के लिए इन्फ्रारेड / गर्मी और थर्मल सेंसर का उपयोग किया गया है। इस डिवाइस के कम्प्रेसर से मोशन सेंसर और इंफ्रारेड सेंसर जुड़े रहते हैं। जब कम्प्रेसर का मान पहले से निर्धारित थ्रेशोल्ड मान से अधिक होता है, तब कम्प्रेसर प्रसंस्करण के लिए इलेक्ट्रॉनिक नियंत्रण इकाई को संकेत भेजता है। इलेक्ट्रॉनिक नियंत्रण इकाई माइक्रोप्रोसेसर/माइक्रोकंट्रोलर एम्बेडेड प्रोग्राम के साथ प्रणाली का संचालन करता है। इलेक्ट्रानिक नियंत्रण इकाई आई.ओ.टी. गेटवे के माध्यम से कार के मालिक के स्मार्टफोन पर अलर्ट सिग्नल भेजता है।

डिवाइस में चूहों को भगाने के लिए चार उपइकाइयाँ हैं। पहली उपइकाई एम्पलीफायर के साथ ऑडियो मैनिपुलेटर है, जिसका कार्य तेज आवाज करना है। दूसरी उपइकाई का प्रमुख कार्य आंखों पर असुविधा पैदा करने के लिए तीव्र उज्जवल प्रकाश किरणें उत्पन्न करना है। तीसरा उपइकाई इलेक्ट्रॉनिक रूप से संचालित है, जो चूहों को भगाने के लिए स्प्रे है। इससे अजीब-सी दुर्गंध आती है। चौथी उपइकाई चूहों के लिए असहनीय तीव्र अल्ट्रासोनिक ध्वनि उत्पन्न करता है। डिवाइस ऑटोमोबाइल की बैटरी से जुड़ी होती है।

इस डिवाइस को बनाने में लगभग एक वर्ष लग गया। रजिस्ट्रार डॉ. आदित्य शर्मा और एसोसिएट डीन डॉ. मंजुला जैन ने डॉ. अमित शर्मा और उनकी टीम को हार्दिक बधाई देते हुए कहा, कि तीर्थंकर महावीर यूनिविर्सिटी यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के ड्रीम मिशन आत्मनिर्भर भारत को लेकर संजीदा है। ‘आईओटी बेस्ड स्मार्ट रोडेन्ट रैपल्लिंग सिस्टम फॉर ऑटोमोबाइल्स’, वाहन उद्योग में क्रांति लाएगा। इस अनमोल डिवाइस की लागत लगभग 5 हजार रुपए है, जिसका बल्क में उत्पादन होने पर इसकी लागत और भी कम हो जाएगी।
प्रस्तुति : श्याम सुंदर भाटिया।

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