खबरसारधर्म/ अध्यात्म/ ज्योतिषपर्यटन/ तीर्थाटन

श्री केदारनाथ दिव्य दर्शन !

कौन डाल रहा है, रंग में भंग ।

श्री केदारनाथ दिव्य दर्शन !

कौन डाल रहा है, रंग में भंग ।

देवभूमि उत्तराखंड की चार धाम यात्रा का स्वप्न हर देशवासी के मन में है – फिलहाल चार धाम यात्रा पाबंदी के तहद 800 यात्री ही प्रतिदिन केदारनाथ यात्रा में जा सकते हैं।

गौरीकुंड से वाया लिंचोली होकर केदारनाथ पैदल मार्ग बहुत कष्टप्रद है सो घोड़ा, कंडी या हैली सेवाओं पर आश्रित होना पड़ता है।
स्वाभाविक है कि एक अनार सौ बीमार की कहावत को चरितार्थ करते हुए – व्यवस्था में बंदर बांट और मंहगाई आसमान की ओर रहती है।

चारधाम यात्रा के संयोजन में पिछले दो दशकों से जुड़े बिक्रम राणा कहते है – प्रदेश सरकार के ब्यूरोक्रेट उत्तराखंड की अध्यात्मिक, आर्थिक सामाजिक व सांस्कृतिक व्यवस्था से मुँह मोड़ रहे हैं। फलस्वरूप आज उत्तराखंड राज्य का औचित्य सवालों के घेरे में है।

देवस्थानम बोर्ड क्या यात्रा में बाधक है ?

एक मुख्यमंत्री चारधाम यात्रा से जुड़े पक्षों की उपेक्षा कर देवस्थानम बोर्ड बनाता है और दूसरे मुख्यमंत्री बोर्ड को भंग करने का आंदोलन झेल रहे हैं। देवस्थानम बोर्ड खुद सुप्त अवस्था में है – पता नहीं कब क्या करना है ?

चारधाम यात्रा की तैयारी यूपी और अंग्रेजों के जमाने में महिनों पहले शुरू हो जाया करती थी। स्वास्थ्य, सफाई, खानपान, धर्मशाला – होटल, गाड़ी – घोड़ा, कंडी, डंडी आदि व्यवस्थायें चाक चौबंद रहती थी।

ऐसे कैसे चारधाम यात्रा अधिकारियों और बोर्ड के चंगुल से मुक्त होगी ?

बिक्रम राणा कहते हैं कि – चारधाम यात्रा में देश – विदेश से आने वाले यात्रियों को पहले स्मार्ट सिटी पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कराना है।
अब देवस्थानम बोर्ड अपने पोर्टल पर फिर से रजिस्ट्रेशन करा रहा है।

आप को गाड़ी के नंबर से लेकर हैली सेवा के टिकट तक में देवस्थानम बोर्ड की परमिशन चाहिए।

टूरिज्म मिनिस्टर सतपाल महाराज चाहते हैं कि चार धाम के कपाट बंद होने के बाद भी स्विटजरलैंड की तर्ज़ पर देश – विदेश के टूरिस्ट उत्तराखंड आयें।
अगर यात्री अलग – अलग पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कराते घूमेंगे और पहाड़ों में गाड़ी चैक कराने के लिए हर जनपद की पुलिस ड्राइवरों और पर्यटकों को सड़क पर हैरान रखेगी तो उत्तराखंड का पर्यटन चौपट होते देर नहीं है।

सरकारी विभाग एक दूसरे के साथ यात्रियों का डाटा सांझा क्यूँ नहीं करते ?

समय रहते सतपाल महाराज को एक एजैंसी के हाथों यात्रा का रजिस्ट्रेशन सौंपना है। यात्रियों और गाड़ियों की चैंकिंग एक बार हो ताकि अन्य राज्य से आने वाले तीर्थयात्रियों के दु:ख – दर्द कम हो।

बिक्रम राणा, अध्यक्ष , उत्तराखंड टूर आपरेटर ऐशोसियेशन

उल्लेखनीय है – केंद्र में मोदी सरकार  संसाधनों का भरसक उपयोग, रोजगार व जीडीपी बढ़ाने हेतु  पांच लाख विदेशी पर्यटकों को फ्री वीजा देने की योजना शुरू कर रही है और उत्तराखंड में हर विभाग चारधाम यात्रा को सुलभ बनाने की जगह रोड़े अटका रहा है।

बिक्रम राणा का कहना है कि यात्रियों के हित में हम हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाने जा रहे हैं।
—भूपत सिंह बिष्ट

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
error: Content is protected !!