आधी दुनिया/ महिला विमर्शधर्म/ अध्यात्म/ ज्योतिषशिक्षा/ कैरियर/ युवा

नशे का मकड़जाल आर्यन खान को बेल !

बादशाह शाहरूख खान के बेटे ने भी चखा आर्थर रोड़ जेल का स्वाद।

नशे का मकड़जाल आर्यन खान को बेल !
बादशाह शाहरूख खान के बेटे ने भी चखा आर्थर रोड़ जेल का स्वाद।

मुंबई की फिल्म नगरी का तिलस्म टूटता नज़र नहीं आता है – फिल्मी सितारों के बेटा – बेटी नशे के मकड़जाल में उलझे रहते हैं, यह सुर्खियां हमेशा परवान चढ़ती रही हैं।

मुंबई से गोवा क्रूज़ पर नशाखोरों की पार्टी में नारकोटिक कंट्रोल ब्यूरो की छापामारी में आर्यन खान की मित्र मंडली पकड़ी गई थी।
हैरानी की बात यह है कि नारकोटिक कंट्रोल ब्यूरो ने फिल्म स्टार शाहरूख खान के बेटे आर्यन खान से ना तो ड्रग बरामद की और ना ही नशे में पाए जाने का आरोप लगाया।

आर्यन खान के मित्र अरबाज़ मर्चेंट के पास उपभोग करने लायक ड्रग की बरामदगी बतायी गई है। इन युवाओं को आर्थर जेल भेजने की जगह पहले दिन ही नशा मुक्ति केंद्र में भेजना चाहिए था लेकिन एनसीबी ने पूरे मामले को सुर्खियां बना दिया।

फलस्वरूप आर्यन खान के लिए देश के सबसे बड़े वकील मुकुल रोहतगी, अरबाज़ के लिए अमित देसाई जैसे नामी गिरामी वकील मुंबई हाई कोर्ट में पैरवी करने के लिए उतरे। सरकारी पक्ष अतिरिक्त सोलिस्टर जनरल अनिल सिंह ने रखा। विगत तीन दिनों से चल रही जमानत की बहस का पटाक्षेप आज आर्यन खान और दो अन्य की जमानत मंजूर हो गई है।

आर्यन खान जैसे युवा आज करोड़ों की संख्या में नशे के मकड़जाल में फंसे हैं। विगत माह अडानी के मुंद्रा पोर्ट में अफगानिस्तान से स्मगल होकर तीन हजार करोड़ कीमत की ड्रग पकड़ी गई है – स्वाभाविक है कि ड्रग के मुकदमों में फंसते युवा अपने भविष्य, पैसा , स्वास्थ्य और परिवार की मान – मर्यादा की बलि चढ़ा रहे हैं।

किसी भी कानून को साबित करने के लिए अदालतों में महंगी फीस वसूलते वकील, हवालात और पुलिस की तिकड़म से बेहतर सुधार के उपाय हैं और ड्रग पैडलर को छोड़कर नशा करने वाले युवाओं को नशा मुक्ति केंद्र में रखना हर सरकार का दायित्व है।

शाहरूख खान का ही नहीं, आम हिंदुस्तानी परिवार का बच्चा भी ड्रग पैडलर का शिकार है और इन पर शिकंजा ढीला लगता है – तभी अफगानिस्तान से क्विंटलों में ड्रग खेप देश के पोर्ट में उतारी जा रही है।

ड्रग का कमर्शियल यानि व्यापार करने वालों के लिए कठोर सजा का प्रावधान है लेकिन फिर भी यह धंधा भारतीय युवाओं का कैरियर बरबाद करने के लिए हर कालेज – यूनिवर्सिटी तक दस्तक दे चुका है।
— भूपत सिंह बिष्ट

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
error: Content is protected !!