डा हर्षवंती बिष्ट ने रचा इतिहास – इंडियन मांउटनियरिंग फांउडेशन की पहली महिला अध्यक्ष !
उत्तराखंड की पहली राष्ट्रीय पर्वतारोही हर्षवंती- नंदा देवी शिखर फतह कर अर्जुन पुरस्कार जीत चुकी हैं।
डा हर्षवंती बिष्ट ने रचा इतिहास : इंडियन मांउटनियरिंग फांउडेशन की पहली महिला अध्यक्ष !
उत्तराखंड की पहली राष्ट्रीय पर्वतारोही हर्षवंती- नंदा देवी शिखर फतह कर अर्जुन पुरस्कार जीत चुकी हैं।
उत्तराखंड को राष्ट्रीय फलक में सम्मानित करने का श्रेय एक बार फिर डा० हर्षवंती बिष्ट ने हासिल किया है।
उत्तराखंड की अर्जुन एवार्ड विजेता पर्वतारोही हर्षवंती बिष्ट अब अंतर राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त भारतीय पर्वतारोहण संस्थान, नई दिल्ली की पहली महिला अध्यक्ष निर्वाचित हुई हैं।
भारत में पर्वतारोहण और उच्च शिखरों पर ट्रेकिंग अभियानों का संचालन और अनुमति देने के लिए आई एम एफ की स्थापना हुई है।
हर्षवंती ने 1981 में नंदा देवी शिखर पर सफल पर्वतारोहण अभियान अपनी दो महिला साथियों के साथ रिकार्ड बनायाहै।
विगत दो तीन दशकों से गंगोत्री – गोमुख क्षेत्र में वृक्षारोपण अभियान से जुड़ी हैं। हर्षवंती बिष्ट 1976 से 1984 तक सक्रिय पर्वतारोही रही और 1984 में एवरेस्ट अभियान की सदस्य रही हैं।
देश में एडवैंचर स्पोर्टस को बढ़ावा देने में भारतीय पर्वतारोहण संस्थान की अग्रणी भूमिका रही है।
उत्तराखंड का गौरव रहा है कि पर्वतारोहण जैसे जोखिमभरे खेलों में युवतियों ने बड़ा नाम विश्व में अर्जित किया है। हर्षवंती बिष्ट ने पर्वतारोहण में आज के उत्तराखंड और तत्कालीन उत्तर प्रदेश में छात्राओं और युवतियों का पथ प्रदर्शन किया है।
डा० हर्षवंती बिष्ट अर्से से भारतीय पर्वतारोहण संस्थान ( आई एम एफ ) से जुड़ी हैं — राष्ट्रीय संस्थान में अध्यक्ष निर्वाचित होने से पहले उपाध्यक्ष और कार्यकारिणी सदस्य के रूप में काम करती रही हैं।
20 नवंबर को अध्यक्ष पद पर हुए चुनाव में हर्षवंती बिष्ट भारी अंतर से विजयी हुई हैं। हर्षवंती बिष्ट को 60 मत और प्रतिद्वंदी को 37 मत प्राप्त हुए हैं।
कार्यकारिणी हेतु 11 सदस्य निर्वाचित हुए हैं और उत्तराखंड के रणबीर सिंह सबसे अधिक मतों से चुने गए हैं।
अध्यक्ष डा हर्षवंती बिष्ट ने आशा व्यक्त की है कि उन के कार्यकाल में साहसिक अभियानों और पर्यटन के नए अवसर देश – प्रदेश के युवाओं को मिलेंगे।
उत्तराखंड साहसिक पर्यटन और एडवैंचर स्पोर्टस में विश्व के नक्शे पर स्थापित होगा।
— भूपत सिंह बिष्ट।