… तो हरीश रावत को राहुल गांधी ने पंख लगा दिए !
चुनाव का समुद्र तैरने के लिए हरदा को लगा था – हाथ – पैर बांधकर मगर मच्छों के बीच छोड़ दिया।
नई दिल्ली में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी से उत्तराखंड कांग्रेस नेताओं की मेल मुलाकात के बाद ” आल इज वैल ” हो गया है।
कांग्रेस के बड़े चेहरे हरीश रावत चुनाव अभियान समिति के चेयरमैन पद पर खुश हैं।
प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल और नेता विपक्ष प्रीतम चौहान ने हामी भरी है कि चुनाव अभियान का सेहरा पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के सिर पर ही रहेगा।
हरीश रावत भी मान गए हैं कि पहले 2022 के विधानसभा चुनाव में बहुमत हासिल करना है। फिर कांग्रेस परंपरानुसार विधायक दल अपना नेता चुन लेंगे।
फिलहाल कांग्रेस के सारे धड़े उन की सरपरस्ती में चुनाव मैदान में उतरेंगे और पार्टी को सत्ता में लाने में ” कदम कदम बढ़ायेजा, कांग्रेस के गीत गाये जा ” की धुन में नज़र आयेंगे।
चुनाव से दो माह पहले हरीश रावत का सोशल मीडिया में कांग्रेस से अनबन की खबर चलाना मीडिया के लिए सुर्खिया बना।
हरीश रावत के इलेक्शन पैंतरे बीजेपी को असहज कर रहे हैं – बीजेपी अध्यक्ष मदन कौशिक हरीश रावत को उत्तराखंड विरोधी बता चुके हैं और उन्हें कांग्रेस का उत्तराखंडियत का मुद्दा चुनाव में कत्तई पसंद नहीं है।
कांग्रेस प्रभारी काफी समय से उत्तराखंड में चहलकदमी कर रहे हैं लेकिन हरीश रावत कांग्रेस के लिए पूरा पैकेज हैं और हरीश रावत का विकल्प फिलहाल कांग्रेस का कोई नेता नहीं बन सकता है।
शायद हरीश रावत इस अवसर पर मुख्यमंत्री चेहरा बनकर 2022 के चुनाव में उतरना चाहते हैं और टिकट बांटने से लेकर कांग्रेस में बीजेपी से आने वाले धुरंधर नेताओं पर अंकुश लगाना चाहते हैं।
राहुल गांधी और कांग्रेस महामंत्री प्रियंका गांधी से बातचीत के बाद हरीश रावत फिर जैसे थे – वैसे दौर में लौट आये हैं।
नेताओं के रूठने – मनाने का यह दौर फरवरी -2022 तक वोटरों के बीच जारी रहने की संभावना है।
— भूपत सिंह बिष्ट