ना खांऊगा, ना खाने दूंगा – फिर भी मृत पैंशनरों के खाते में करोड़ों का गोलमाल !
पर्त दर पर्त खुल रहे हैं विभिन्न जनपदों में पैंशनरों के खाते में करोड़ों का हैरफेर और जेल जा रहे ट्रेजरी कर्मी।
ना खांऊगा, ना खाने दूंगा – फिर भी मृत पैंशनरों के खाते में करोड़ों का गोलमाल !
पर्त दर पर्त खुल रहे हैं विभिन्न जनपदों में पैंशनरों के खाते में करोड़ों का हैरफेर और जेल जा रहे ट्रेजरी कर्मी।
उत्तराखंड हिमालयी राज्य जिसे देवभूमि के नाम से जाना जाता है। अब सरकारी कर्मचारियों के भ्रष्टाचार के लिए भी जाना जा रहा है।
करोड़ों रूपये गबन एससी – एस टी छात्रवृत्ति घोटाला हो, राष्ट्रीय राजमार्ग पर जमीन अधिग्रहण के नाम पर करोड़ों के घोटाले और आईएएस अधिकारियों के निलंबन और सेवा वापसी के बाद , एक नया घोटाला उत्तराखंड ट्रेजरी विभाग में दर्ज हुआ है।
मृत पैंशनरों को जीवित दिखाकर उन के खातों की जगह अपने लोगों के खाते में पैंशन और एरियर भुगतान के मामले अब कई जनपदों में उभरने लगे हैं।
एफ आईआर होने के बाद भ्रष्ट कोषाधिकारी और कर्मचारियों को गिरफ्तार कर जेल की सलाखों के पीछे भेजा गया है। टिहरी जनपद में घोटाला साढ़े चार करोड़ के पार पहुंच चुका है। दो और जनपदों में भी धर पकड़ जारी है।
कंप्यूटर डाटा की सुरक्षा और पासवर्ड की गोपनीयता के लिए अधिकारियों को अब चौबीस घंटे और तीन सौ पैंसठ दिन सजग रहना है।
अन्यथा जो टिहरी ट्रेजरी में हुआ वो कंही भी हो सकता है। साइबर अपराधी आप के पास सज्जनता का जाल बिछाये मिलते हैं और पलक झपकते ही करोड़ों पर हाथ साफ कर जाते हैं।
खाता सरकारी हो या प्राइवेट सब से पहले डाटा और पासवर्ड पर हाथ साफ किया जाता है। इसलिए निरंतर अपने खाते के बैंक बैलेंस और ट्रांसफर आन लाइन पर नज़र रखना जरूरी है।
नीरव मोदी के विदेशी खातों में बिना आडिट स्विफ्ट कोड से पैसे लेन देन में यही चूक पीएनबी अधिकारियों ने की थी और एक सामान्य कर्मचारी ने डाटा और पासवर्ड की जानकारी लेकर बैंक से अरबों की ठगी को अंजाम दिया था।
फलस्वरूप बैंक में दर्जनों अधिकारियों पर इस लापरवाही की गाज़ गिरी। कुछ ऐसा ही टिहरी के कोषागार में डाटा की छेड़छाड़ कर दो करोड़ अड़तालिस लाख गबन का नरेंद्र नगर ट्रेजरी और नई टिहरी ट्रेजरी में दो करोड़ इक्कीस लाख के मामले सामने आए हैं।
समय पर पुलिस को सूचना देने से मामले में गिरफ्तारियां हुई हैं और सरकारी खजाने का लूटा हुआ धन वसूल होना शेष है ।
इन भ्रष्ट कर्मियों की विस्तृत जांच कर अब अन्य ट्रेजरी शाखाओं में भी इस तरह घोटाले की मोडस आपरेंडी पकड़ने के लिए समग्र आडिट करना जरूरी हो गया है।
पुलिस द्वारा जारी विवरण !
विगत 06.01.2022 को वरिष्ठ कोषाधिकारी टिहरी द्वारा थाना नरेंद्रनगर पर अभियोग पंजीकृत कराया गया कि कोषागार नरेंद्रनगर में कार्यरत कुछ व्यक्तियों द्वारा कोषागार के डाटा में छेड़छाड़ कर सरकारी धन का गबन किया गया है।
तहरीर पर प्रथम दृष्टया ₹ 2,48,46,829/- का गबन पाया गया। जिस पर त्वरित कार्यवाही करते हुए टिहरी पुलिस टीम ने अभियुक्तगणों को 24 घंटे से भी कम समय में गिरफ्तार करने में सफलता प्राप्त की।
पूछताछ में अभियुक्तगणों द्वारा कोषागार में फर्जीवाड़ा कर स्वयं के लिए अनैतिक लाभ अर्जित करने का जुर्म स्वीकार किया गया।
गबन के दूसरे मामले में टिहरी पुलिस द्वारा जारी विज्ञप्ति में बताया गया है कि ट्रेजरी पैंशन घोटाले में सात अभियुक्तों ने टिहरी ट्रेजरी में पैंशनरों के खाते में दो करोड़ इक्कीस लाख से अधिक का गोलमाल किया है।
ट्रेजरी अधिकारी की तहरीर पर पुलिस ने नामजद अपराधियों को गिरफ्तार कर लिया है।
दिनांक 29-12-2021 को अरविन्द चौहान, सहायक कोषाधिकारी, नई टिहरी के द्वारा कोतवाली नई टिहरी में नामजद व्यक्तियों —
1-जयप्रकाश शाह (लेखाकार, कोषागार नई टिहरी)
2- यशपाल सिंह नेगी (लेखाकार, कोषागार नई टिहरी)-3- सुरेन्द्र सिंह पंवार (PRD) 4-मनोज कुमार (खाता धारक) के विरूद्ध मुकदमा पंजीकृत कराया गया।
नई टिहरी कोषागार में कार्यरत उपरोक्त अभियुक्तगण के द्वारा कुछ वर्षों से कोषागार के ई-कोष पोर्टल पर लॉगिन कर पेशनर्स के डाटा में छेड़छाड़, कूटरचना कर पेंशनर्स के बैंक खातो के स्थान पर स्वयं अपने तथा अपने परिचितों के खातो में फर्जी तरीके से पेंशन/एरियर का भुगतान कर सरकारी धन का गबन किया हैं।
SSP टिहरी गढ़वाल द्वारा पुलिस टीम को नगद 2500/-रुपये की धनराशि से पुरस्कृत किया गया।
पदचिह्न टाइम्स।