उत्तराखंड विधानसभा रण – चौथे नंबर पर रही शैला रानी रावत फिर टिकट पा गई !
पुरोला में बीजेपी का मालचंद अब कांग्रेस प्रत्याशी, पिछली बार मनोज रावत – केदारनाथ से 25% वोट और विनोद कंडारी – देवप्रयाग से 32% वोट पाकर चुने गए ।
उत्तराखंड विधानसभा 2022 के लिए बड़ी रैली, पदयात्रा और वाहन रैली पर रोक लगने से अब चुनाव मंहगा और फीका हो गया है।
डोर टू डोर प्रचार के लिए पहाड़ के दूरदराज क्षेत्रों के वोटरों तक पहुंचने में कार्यकर्ताओं की बड़ी फौज की दरकार है।
निसंदेह धन बल और साधन के बिना निर्दलीय और छोटी पार्टियों के लिए इस बार चुनाव मुश्किल साबित हो रहा है।
गनीमत है – प्रधानमंत्री और गृहमंत्री की बड़ी रैलियां अब उत्तराखंड में नहीं हो पायेगी। बड़ी पार्टियों को ही आकाशवाणी और दूरदर्शन पर पांच मिनट वाले अधिक स्लाट मिले हैं।
2017 के विधानसभा आंकड़े असली मुकाबला बीजेपी और कांग्रेस के बीच ही बता रहे हैं। तब कई सीटों पर निर्दलीय और बागी खेल खराब करने वाले साबित हुए हैं।
पुरोला सुरक्षित सीट पर कांग्रेस के राजकुमार एक हजार के मार्जिन से चुनाव जीते और अब दलबदल कर बीजेपी में गए।
बीजेपी ने लेकिन टिकट तीसरे स्थान पर रहे निर्दलीय दुर्गेश्वर लाल को दिया तो बीजेपी के मालचंद पाला बदलकर कांग्रेस से टिकट पाकर फिर मैदान में हैं।
पुरोला सीट पर 73 प्रतिशत मतदान हुआ था और तीनों प्रत्याशियों ने पिछली बार अपनी धाकड़ पकड़ साबित की थी।
यमुनोत्री सीट पर 67 प्रतिशत मतदान हुआ लेकिन केदार सिंह रावत ने अपने निकटतम कांग्रेस प्रत्याशी संजय डोभाल को 6 हजार मतों से हरा दिया।
इस बार केदार रावत के मुकाबले कांग्रेस ने जिलापंचायत अध्यक्ष दीपक बिजल्वाण को टिकट दिया है। संजय डोभाल बागी बनकर मैदान में हैं।
उत्तरकाशी की तीसरी गंगोत्री सीट पर 67 प्रतिशत मतदान हुआ। बीजेपी के गोपाल रावत ने कांग्रेस के विजय पाल सजवाण को 9 हजार से अधिक मतों से हराया था।
पूर्व विधायक गोपाल रावत की मृत्यु के बाद बीजेपी ने सुरेश चौहान को टिकट दिया है।
आम आदमी पार्टी के कर्नल अजय कोठियाल गंगोत्री सीट पर फेरबदल करने के लिए कांग्रेस के विजय पाल सजवाण के साथ त्रिकोणीय संघर्ष बना रहे हैं।
चमोली जनपद की तीनों सीटों पर मोदी की आंधी चली और कांग्रेस तीनों सीट भारी अंतर से हार गई।
इस बार फिर बदरीनाथ सीट पर बीजेपी के महेंद्र भट्ट का मुकाबला कांग्रेस के पूर्व कैबिनेट मंत्री व जिला पंचायत अध्यक्ष राजेंद्र भंडारी के साथ है।
इस बार बीजेपी का तीनों सीटों पर कड़ा मुकाबला है। राजेंद्र भंडारी बदरीनाथ से, डा जीत राम थराली सुरक्षित से और मुकेश नेगी कर्णप्रयाग सीट से प्रत्याशी हैं।
बीजेपी ने अपने विधायक मुन्नी देवी का टिकट काटकर भोपाल राम टमटा को उतारा है। यहां पूर्व विधायक का गुट बीजेपी की खिलाफत में है।
रूद्र प्रयाग में दो विधानसभा सीट हैं – पिछली बार केदारनाथ सीट पर कांग्रेस के मनोज रावत कांटे की टक्कर में 871 मतों से निर्दलीय कुलदीप सिंह रावत से जीते हैं।
कांग्रेस ने 25 प्रतिशत वोट पाने वाले मनोज रावत को फिर से टिकट दिया है। पिछली बार बीजेपी की बागी आशा नौटियाल तीसरे स्थान पर रही है।
बीजेपी की शैला रानी रावत चौथे स्थान पर रही। बीजेपी ने फिर से शैला रानी रावत को मैदान में उतारा है और इस बार फिर मुकाबला रोचक रहेगा।
रूद्र प्रयाग सीट पर बीजेपी के भरत चौधरी ने एकतरफा 14 हजार से अधिक मतों से विजयश्री हासिल की है। कुल 12 प्रत्याशी मैदान में थे और 59 प्रतिशत वोट पड़ा था।
कांग्रेस ने पिछली बार के निर्दलीय प्रदीप थपलियाल को टिकट दिया तो मातबर सिंह कंडारी फिर बागी होकर चुनाव मैदान में कांग्रेस की संभावनाओं को कम कर रहे हैं।
पिछली बार रूद्रप्रयाग सीट पर 12 प्रत्याशी मेदान में थे और कांग्रेस की जिला पंचायत अध्यक्ष लक्ष्मी राणा 26 प्रतिशत वोट पाकर दूसरे स्थान पर थी।
उत्तरकाशी, चमोली और रूद्रप्रयाग की कुल आठ सीटों पर बीजेपी को पांच सीटों पर ही चुनौती है।
अमित शाह रूद्रप्रयाग में चुनाव प्रचार कर चुके हैं।
– भूपत सिंह बिष्ट।