धर्म/ अध्यात्म/ ज्योतिषपर्यटन/ तीर्थाटनविविध

कर्नाटक भारतीय संस्कृति के विविध आयाम – शिव, सिल्क – मिल्क का कोलार !

अनूठा है कोटिलिंगेश्वर धाम कोलार जनपद में सोने की खदान और शिव भक्ति दोनों ही अपार ।

कर्नाटक भारतीय संस्कृति के विविध आयाम – शिव, सिल्क – मिल्क का कोलार !

अनूठा है कोटिलिंगेश्वर धाम कोलार जनपद में सोने की खदान और शिव भक्ति दोनों ही अपार ।

शिव का ” कोटिलिंगेश्वर धाम” कर्नाटक के कोलार जिले के ग्रामीण अँचल में स्थित है।

कोलार कभी सोने की खान के लिए चर्चा में था। अब रेत, बजरी व पत्थर के बहुत बड़े वैध – अवैध कारोबार के लिए मशहूर है।
वैसे इसका प्रचलित वाक्य है — सिल्क और मिल्क के कोलार में आप का स्वागत है।

शिव की विशिष्ट पूजा – अर्चना की सांस्कृतिक विरासत दक्षिण भारत में हर जगह दिखती है और यह एक प्रमाण है कि हिमालयी राज्यों जम्मू – कश्मीर, हिमाचल, उत्तराखंड, सिक्किम, अरूणाचल प्रदेश आदि क्षेत्रों में शैवमत का होना हमें दक्षिण भारत से भीे जोड़ता है।
यह हमारे पूर्वजों का मूल केंद्र भी हो सकता है।

केदारनाथ धाम के पुजारी कर्नाटक शैव लिंगायत समाज से आते हैं। लिंगायत समाज में भू – समाधि की परम्परा भी है।
यानि मृत शरीर को अग्नि देने की परम्परा नहीं है।

दक्षिण भारत में भव्य मंदिरों का निर्माण निरंतर जारी है । यहां कोई हो – हल्ला नही है, राम लल्ला हम आयेंगे और मंदिर वहीं बनायेंगे।

हर मंदिर उत्तर भारत के सभी मंदिरों से सुंदर, स्वच्छता और रख रखाव में बेहतर हैं। कोलार के ग्रामीण क्षेत्रों में मंदिरों की संस्कृति कभी बहुत सम्पन्न थी लेकिन अब नगरीकरण की भेंट चढ़ती जा रही है।

पुरातत्व विभाग यहां गणेश, शिव- पार्वती, विष्णु आदि देवी – देवताओं के प्राचीन मंदिरों का डाटा तैयार कर सकता है।
— भूपत सिंह बिष्ट

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
error: Content is protected !!