स्मृति शेष : उक्रांद के थिंक टैंक और पहाड़ का बेटा बिपिन चंद्र त्रिपाठी एमएलए !
राजधानी कहां बनायेंगे - विपिन दा ने तुरंत कहा गैरसैंण में बनायेंगे — काशी सिंह ऐरी।
स्मृति शेष : उक्रांद के थिंक टैंक और पहाड़ का बेटा बिपिन चंद्र त्रिपाठी, एमएलए !
राजधानी कहां बनायेंगे – विपिन दा ने तुरंत कहा गैरसैंण में बनायेंगे — काशी सिंह ऐरी।
आज हमारे विपिन दा का जनमबार है – साथ होते तो आज हम उनका 77 वां जन्मदिन मना रहे होते।
विपिन दा हमारा थिंक टैंक था, उत्तराखण्ड की हर चीज, हर गांव, आर्थिकी, पारिस्थितिकी, जनसंख्या, बोली, रीति-रिवाज सब की उसे सटीक जानकारी थी।
गांवों-तहसीलों के नक्शे तक वह गाड़-गधेरों की सीमाओं से मौखिक बता देता।
उत्तराखंड क्रांति दल – उक्रांद के गठन के बाद तत्कालीन अध्यक्ष डा० डी०डी० पन्त, विपिन त्रिपाठी दा और मैं पूरे राज्य के भ्रमण पर थे।
गाड़ी में ही अचानक पन्त जी ने पूछा कि हम राज्य तो मांग रहे हैं, लेकिन अपनी राजधानी कहां बनायेंगे !
विपिन दा ने छूटते ही कहा कि गैरसैंण में बनायेंगे और पूरा खाका खींच दिया कि पाण्डुवाखाल से दीवालीखाल और दूधातोली से नारायणबगड़ तक का एरिया राजधानी क्षेत्र बनायेंगे।
वहां पर 60 हजार नाली जमीन है, जो एक छोटे राज्य की राजधानी के लिये पर्याप्त है। उसने उसी समय यह भी बता दिया कि दूधातोली में राजभवन होगा, यहां पर हाई कोर्ट होगा और यहां पर विधान सभा।
इस प्रकार से उस दिन कार में गैरसैंण नाम के विचार का जन्म हुआ, जिसे हमारे दल ने वीर चन्द्र सिंह गढवाली के नाम पर बाद में चन्द्रनगर किया।
1992 में जब हमने बागेश्वर में राज्य का ब्लूप्रिंट जारी किया तो उसे जनता का भरपूर समर्थन मिला और उस दिन से गैरसैंण राज्य की आधिकारिक प्रस्तावित राजधानी हो गई।
बहुत याद आते हैं – विपिन दा !
याद आती है उनकी डांट, उनकी बेबाकी ! आज आपको फिर से श्रद्धासुमन विपिन दा, तुम अमर रहोगे हमारे दिलों में।
– काशी सिंह ऐरी