हिमालयी राज्यों में आज से बौद्ध नया साल हैप्पी लोसर की धूमधाम!
कहीं तीन दिन, कहीं पंद्रह दिन और कोई पूरे माह तक तिब्बतन नया साल लोसर का स्वागत उत्सव ।
हिमालयी राज्यों में आज से बौद्ध नया साल हैप्पी लोसर की धूमधाम!
कहीं तीन दिन, कहीं पंद्रह दिन और कोई पूरे माह तक तिब्बतन नया साल लोसर का स्वागत उत्सव ।
आज से बौद्ध धर्म अनुयायी अपना नया साल लोसर मना रहे हैं। तिब्बत सीमा पर स्थित लद्दाख, हिमाचल, उत्तराखंड, सिक्किम और अरूणाचल में इसकी विशेष धूमधाम रहती है।
देश के विभिन्न शहरों में निर्वासित तिब्बती आज से तीन दिन अपने घरों में नए साल का स्वागत करते हैं।
इस अवधि में उन के व्यवसायिक प्रतिष्ठान बंद रहते हैं। देश के बाहर तिब्बत, नेपाल, भूटान में नए साल का स्वागत समारोह पंद्रह दिन से पूरे माह तक चलता है।
तिब्बती कलैंडर चंद्रमा की गणना पर आधारित है । इस बार 3 मार्च से नया साल 2022 – लोसर वाटर टाइगर यानि पानी के बाघ को प्रतीक मानकर मनाया जा रहा है।
नए साल में बौद्ध धर्मगुरू लामा अपनी तांत्रिक शक्तियों से बुरी आत्माओं को दूर रखने की पूजा सिद्धी करते हैं।
इस के एवज में लामाओं का घर – घर में आतिथ्य सत्कार किया जाता है।
लोसर का उत्साह हमारे दीपावली त्यौहार की तरह झलकता है — सभी अपने घरों को सजाने -संवारने में उल्लास व उमंग से जुटते हैं।
लोसर पर्व में अपने देवताओं को सभी खाद्य – पेय पदार्थ, वस्त्र और कीमती उपहार अर्पित किए जाते हैं।
परिवार और मित्रों के बीच “खापसे” प्रसाद भेंट करने की विशेष परम्परा है।
— भूपत सिंह बिष्ट