देवभूमि में चारधाम यात्रा की धूम : बस कुछ सावधानी अपनायें !
पहाड़ों पर मौसम परिवर्तन, कम आक्सीजन, खानपान और हेल्थ सजगता सर्वोपरि।
देवभूमि में चारधाम यात्रा की धूम बस कुछ सावधानी अपनायें !
पहाड़ों पर मौसम परिवर्तन, कम आक्सीजन, खानपान और हेल्थ सजगता सर्वोपरि।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का चंपावत उपचुनाव में धूम धड़ाके से नामांकन उत्तराखंड की सबसे बड़ी खबर है।
साथ ही देवभूमि उत्तराखंड में चारधाम यात्रा में उमड़ रही बंपर तीर्थयात्रियों की भीड़ भी मुख्य खबर बनी है।
उल्लेखनीय है कि श्री बदरीनाथ धाम और श्री गंगोत्री धाम तक सड़क मार्ग सुलभ है।
श्री केदारनाथ यात्रा और श्री यमुनोत्री धाम में तीर्थ यात्रियों को काफी पैदल यात्रा करनी है सो उन का स्वस्थ और दमखम होना पहली प्राथमिकता है।
दु:खद खबर यह है कि यात्रा के पहले सप्ताह के भीतर बीस यात्री दम तोड़ चुके हैं।
यमुनोत्री – गंगोत्री – केदारनाथ मार्ग की दुर्गमता को ना झेल पाने के कारण अब तक बीस लोगों की मौत हुई है।
इन आकस्मिक मृत्यु का कारण पहाड़ में शरीर का अनुकूलन ना होना है।
यानि मैदानी क्षेत्रों से पहाड़ी यात्रा पर आ रहे यात्री अचानक ऊंचाई पर कम आक्सीजन और ठंड – गर्म का शिकार हो जाते हैं।
चार धाम तीर्थ स्थल दुर्गम स्थल हैं और भारी भीड़ में सब को पूरी चिकित्सा सुविधा मिलना मुश्किल रहता है।
दिल के मरीज, अस्वस्थ और छोटे बच्चों के लिए चारधाम तीर्थाटन जोखिम भरा हो सकता है।
बेहतर है कि यमुनोत्री और केदारनाथ ग्यारह हजार फीट की ऊंचाई पर आने वाले यात्री उत्तराखंड के दुर्गम इलाके में शरीर पर अनावश्यक बोझ ना डाले।
आक्सीमीटर से अपना आक्सीजन स्तर नापते रहें, आक्सीजन सिलैंडर और दवाइयों की व्यवस्था भी रखें।
पहले चारधाम यात्रा एक माह से अधिक समय में पूरी की जाती थी और आज भागम भाग के चलते यात्री पांच – सात दिन में इसे पूरा करने का जोखिम ले रहे हैं।
आक्सीजन की कमी या बेचैनी महसूस होने पर पर्यटक को निचले स्थानों पर और तुरंत डाक्टर से मशविरा लेना है।
उत्तराखंड की मित्र पुलिस की परेशानी यह भी है कि कई लापरवाही में अपनी यात्रा को पोर्टल पर रजिस्टर्ड नहीं कराकर बीच में घुस रहे हैं।
यात्रियों की संख्या को प्रतिदिन रेगुलेट करने के लिए रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया है।
ताकि यात्रियों को रात्रि में रूकने, खाने पीने, पार्किंग और हेल्थ सेवायें उपलब्ध रहें।
चारधाम यात्रा में आने वाले सभी यात्रियों का गढ़वाल के सांसद और पूर्व मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने स्वागत किया है।
तीरथ रावत ने अपने संसदीय क्षेत्र में भगवान बदरी – केदार से तीर्थयात्रियों की सुफल और सुरक्षित यात्रा की अभिलाषा भी की है।
– भूपत सिंह बिष्ट