प्रेस क्लब आफ इंडिया – उमाकांत लखेड़ा दूसरी बार अध्यक्ष निर्वाचित !
उत्तराखंड का परचम लहराया, संसदीय पत्रकारिता और पालिटिकल कमेंट्री के दिग्गज उमाकांत ने अपनी लोकप्रियता की छाप छोड़ी।
प्रेस क्लब आफ इंडिया – उमाकांत लखेड़ा दूसरी बार अध्यक्ष निर्वाचित !
उत्तराखंड का परचम लहराया, संसदीय पत्रकारिता और पालिटिकल कमेंट्री के दिग्गज उमाकांत ने अपनी लोकप्रियता की छाप छोड़ी।
भारत की सबसे प्रमुख पत्रकारों की संस्था प्रेस क्लब आफ इंडिया , दिल्ली के वार्षिक चुनाव में उत्तराखंड के प्रतिष्ठित पत्रकार उमाकांत लखेड़ा दूसरी बार अध्यक्ष पद पर भारी बहुमत से विजयी रहे।
उमाकांत लखेड़ा ने दूसरी बार संजय बसाक को 260 मतों के अंतर से परास्त किया।
उमाकांत लखेड़ा को 898 और संजय बसाक को 638 मत प्राप्त हुए।
उमाकांत लखेड़ा निरंतर दूसरी बार प्रेस क्लब आफ इंडिया के अध्यक्ष पद पर लोकप्रिय प्रत्याशी के रूप में जीते हैं।
प्रेस क्लब में पांच पदाधिकारी और 16 प्रबंधन कमेटी का चुनाव हर साल किया जाता है।
राजधानी दिल्ली में पूरे भारत की पत्रकार बिरादरी का प्रतिनिधित्व प्रेस क्लब आफ इंडिया – पीसीआई करता है।
जाहिर है कि लोकतंत्र के चौथे स्तंभ की भारी भरकम जिम्मेदारी निभाने, सरकार की आलोचना के चलते पीसीआई चर्चा में और नेताओं की आंख में किरकिरी भी बनता है।
उमाकांत लखेड़ा की टीम ने पीसीआई की सभी 21 सीटों पर विजयश्री हासिल की है। यह जीत सत्ता के खिलाफ मुखर आवाज़ के रूप में मानी जा रही है।
उपाध्यक्ष पद पर एनडीटीवी के मनोरंजन भारती बाबा, सेक्रेटरी जनरल विनय कुमार (दुबारा), संयुक्त सचिव- स्वाति माथुर और कोषाध्यक्ष – चंद्रशेखर लूथरा घोषित हुए हैं।
प्रबंध कमेटी सदस्यों के सभी 16 पदों पर उमाकांत लखेड़ा टीम अधिकतम 836 और न्यूनतम 599 वोट पाकर निर्वाचित हुए हैं।
उमाकांत लखेड़ा पिछले चार दशक से राष्ट्रीय मीडिया में खाटी पत्रकार के रूप में लोकसभा, रक्षा मामलों और राष्ट्रीय राजनीति को कवर करते हैं।
देश के सभी प्रमुख जनांदोलन और चुनावी कवरेज में सक्रिय उमाकांत लखेड़ा उत्तराखंड के सामान्य ग्रामीण परिवेश से राजधानी दिल्ली में अपनी पहचान बनाने में कामयाब हुए हैं।
पत्रकार लखेड़ा की जीवनधारा गोचर, ऋषिकेश, देहरादून , सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, दिल्ली, पटना और दिल्ली जैसे पड़ावों पर भी सक्रिय रही है।
पीसीआई के चुनाव में उमाकांत लखेड़ा के खिलाफ दूषित सोच ने सत्ताधारी दलों का आलंबन लिया व चरित्र हनन की झूठी खबरें प्रसारित करने की साजिश रची हैं लेकिन कामयाब नहीं रहे।
उत्तराखंड के निर्भीक उमाकांत लखेड़ा ने अपनी टीम की जीत पर कहा – सरकारी आश्रय और भारी धनबल के बावजूद हमारे पैनल की विजय साबित करती हैं कि अभी देश में कई संस्थायें मजबूती से खड़ी हैं।
हम वैश्विक महामारी कोविड के बीच निरंतर पत्रकार उत्पीड़न के मामले सरकारों से लड़ रहे हैं और चौथे स्तंभ के लिए मजबूती से लड़ते रहेंगे।
– भूपत सिंह बिष्ट