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राष्ट्रीय प्रवक्ता नुपुर शर्मा का निलंबन बीजेपी राजनीति की नई दिशा !

कर्नाटक स्कूलों में हिजाब, सिविल कोड, ज्ञानवापी मस्जिद और बुलडोजर जैसे विवाद अब किस करवट।

राष्ट्रीय प्रवक्ता नुपुर शर्मा का निलंबन बीजेपी राजनीति की नई दिशा !

कर्नाटक स्कूलों में हिजाब, सिविल कोड, ज्ञानवापी मस्जिद और बुलडोजर जैसे विवाद अब किस करवट।

बीजेपी ने अपने दो उग्र प्रवक्ताओं को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाकर अपने आठ साल के शासन में एक नया अध्याय जोड़ा है।

बीजेपी ने अब अपने प्रवक्ताओं को सख्त ताकीद की है कि टेलिविजन बहस में धार्मिक आस्थाओं पर आघात करने से तौबा कर लें।

अब संबित पात्रा के लिए और अनेक भड़काऊ बहस वाले चैनलों के लिए टीआरपी मसाले का टोटा होने वाला है।

मुस्लिम नेताओं का दावा है कि केंद्र सरकार अरब देशों के आगे अपना स्टैंड बदल रही है।

कांग्रेस का कहना है कि निलंबन और निष्कासन बरगलाने की कार्यवाही है और बीजेपी कानूनी कार्यवाही नहीं करेगी।

अरब देशों से तेल का आयात, अरबों डालर नौकरी पेशा लोगों की रैमिटेंस, देश के प्रमुख उद्योगपतियों के धंधे पर सीधी चोट की आशंका के तहद बीजेपी सरकार को अपना स्टैंड बदलना पड़ा है।

इस्लामिक विदेशी सरकारों ने भारत में मुस्लमानों की स्थिति और पैगंबर पर प्रवक्ताओं के अवांछित बयानों पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है।
भारतीय मानव संसाधन और सामान बहिष्कार के समाचार भी सुर्खियां बटोरने लगे हैं।

माना जा रहा है कि भारत के एक करोड़ नागरिक गल्फ कंट्री में सेवारत हैं और देश के लिए बहुमुल्य विदेशी मुद्रा कमाते हैं।

दक्षिण पूर्व देशों के मुस्लिम संगठनों ने भारत सरकार के खिलाफ दुष्प्रचार छेड़ा है।  ताजा हालातों में बीजेपी को अपने एजैंडे में बदलाव करना जरूरी हो गया है।

सोशल मीडिया की ट्रोल आर्मी अब कर्नाटक के हिजाब, बनारस की ज्ञानवापी मस्जिद, ताजमहल आगरा , मथुरा मस्जिद, सिविल कोड, सीएए, बुलडोजर जैसे मामलों को ठंडे बस्ते में जाता देख सकती है।

भारत की वैश्विक छवि के लिए सरकार को धर्मनिरपेक्ष बनना है।  साथ ही कई सांसदों को अपने प्रिय विषय की तिलांजली देनी पड़ सकती है।

अब सारा मामला विश्व बैंक की ईज आफ डूइंग बिजनेस से जुड़ता जा रहा है।  छवि और राजस्व कमाने के लिए पार्टी की रणनीति को विदेशी कारोबार हित के नजरिये से देखना आज के मंदीकाल में जरूरी हो गया है।

मोदी सरकार ने जिस प्रकार अपने दो प्रवक्ताओं को बीजेपी से बाहर का रास्ता दिखाया है – विपक्षी दल भी हैरत में पड़ गए हैं।

मांग उठने लगी है कि देश की छवि बिगाड़ने के लिए नुपुर शर्मा और नवीन कुमार जिंदल के खिलाफ कानूनी कार्यवाही हो।
बीजेपी नेता नुपुर शर्मा वकील भी हैं और इस प्रकरण में माफी मांग चुकी हैं।

निलंबित नुपुर शर्मा दिल्ली यूनिवर्सिटी की अध्यक्ष रह चुकी हैं और लंदन से पीजी शिक्षा लेकर आयी हैं।

 


पिछले चुनाव में बीजेपी के टिकट पर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खिलाफ असफल रही हैं। इस के बाद नुपुर शर्मा बीजेपी की राष्ट्रीय प्रवक्ता बनायी गई।

बीजेपी ने अपनी प्रेस रिलीज में दूसरे धर्म पर कटाक्ष करने वालों, पूजा पद्धति या संप्रदाय को नीचा दिखाने वाले लोगों की फिलासफी को बढ़ावा नहीं दिया जा सकता है।

ऐसे शरारती लोगों के वक्तव्य सरकार की राय और नीति से कोई सरोकार नहीं रखते हैं।

पदचिह्न टाइम्स।

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