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उत्तराखंड  पर्यटन को चाहिए टूरिस्टों हेतु धर्मशाला जैसा स्काई वे !

टाटा रियलिटी एंड इंफ्रा स्ट्रक्चर लिमिटेड ने बनायी धर्मशाला - मैकलोड गंज के बीच 207 करोड़ में रोप वे ।

उत्तराखंड  पर्यटन को चाहिए टूरिस्टों हेतु धर्मशाला जैसा स्काई वे !

टाटा रियलिटी एंड इंफ्रा स्ट्रक्चर लिमिटेड ने बनायी धर्मशाला – मैकलोड गंज के बीच 207 करोड़ में रोप वे ।

उत्तराखंड को पर्यटन में हिमाचल की बराबरी करने के लिए धर्मशाला स्काई वे जैसी परियोजनाओं की जरूरत है।

स्काई वे स्टेशन की साज़ सज्ज़ा और सुविधायें एयरपोर्ट जैसी हैं। अगले चालीस सालों तक रोप वे का संचालन टाटा एंटरप्राइज ने करना है।

टाटा की सहायक कंपनी टाटा रियलिटी एंड इंफ्रा स्ट्रक्चर लिमिटेड को पब्लिक प्राईवेट पार्टनरशिप में धर्मशाला व मैकलोडगंज के बीच 2015 में रोप वे बनाने का ठेका मिला।

सरकारी विभागों की मंजूरी मिलने के बाद 150 करोड़ की इस परियोजना में 2017 में काम शुरू हो पाया ।

 

इस परियोजना को 2018 में पूरा होना था लेकिन कोरोना और अन्य कारणों से स्काई वे नाम की रोप वे परियोजना का शुभारंभ 19 जनवरी 2022 को हो पाया है  लेकिन लागत 207 करोड़ हो गई।

 

अंग्रेजों का  बसाया  धर्मशाला पर्यटक शहर अपने  मौसम , अंतर राष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम, एजुकेशन हब के अलावा तिब्बती धर्म गुरू दलाई लामा के मैकलोडगंज आवास के लिए भी लोकप्रिय है।

धर्मशाला शहर से मैकलोडगंज की 9 किमी की दूरी रोप वे ने अब पांच मिनट में समेट दी है।

टाटा ने इस स्काई वे परियोजना में इटली की लिटनर रोपवे कंपनी की तकनीकी सहायता ली है।

 

1.8 किमी की ऊंचाई के बीच 10 टावर लगे हैं। जिस की एकल रोप पर हिंडोलनुमा 18 केबिन में यात्री सवारी करते हैं।

टाटा ने रोप वे स्टेशन बनाने में विश्व स्तर की वास्तु कला का प्रयोग किया है।  ऊपर मैकलोडगंज में दलाई लामा मंदिर के करीब बाजार में आधुनिक  रोप वे स्टेशन है।

नीचे कोतवाली बाजार, धर्मशाला में बने रोप वे स्टेशन में मल्टी लेबल पार्किंग का निर्माण हिमाचल सरकार ने कराया है।

ताकि टूरिस्ट अपनी गाड़ियों को यहां छोड़कर पांच मिनट में मैकलोडगंज पहुंच सके।

टाटा ने 45 मिनट के सफर को 5 मिनट का बना  दिया है। अब धर्मशाला की तंग सडकों व  गलियों में लोकल बाशिंदों को जाम और प्रदूषण से राहत है।

एक कैबिन में 600 किलो वजन उठाने की क्षमता है – सिंगल केबिल पर चलने वाले हिंडोले में छह व्यक्ति आराम से बैठ सकते हैं।

कंपनी का दावा है कि एक घंटे में एक हजार पर्यटक सफर कर सकते हैं।

फिलहाल एकल किराया 267- रूपये और दोनों तरफ आने जाने का टिकट 445- रूपये तय किया गया है।

मानसून सीजन में फिलहाल स्काईवे स्मार्ट रोप वे सुबह 10 बजे से शाम 5.30 बजे तक पर्यटकों को सेवा दे रही है।

उत्तराखंड के युवा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने 2025 तक प्रदेश को हर क्षेत्र में देश में अग्रणी रखने का सपना देखा है ।

उत्तराखंड में अनेक पर्यटक सर्किट रोपवे का इंतज़ार कर रहे हैं। आधुनिक ट्रांसपोर्ट सुविधा से टूरिस्ट स्पॉट को विश्व  नक्शे में जगह मिलती है और यात्री सुरक्षा व समय बचा लेते हैं।

हिमाचल की तर्ज पर पर्यटन इंडस्ट्री  बढ़ाने हेतु टूरिस्ट स्थलों, धार्मिक मंदिरों जैसे श्री केदारनाथ, यमुनोत्री आदि स्थलों पर रोप वे परियोजनाओं से सड़कों पर वाहनों का दबाव कम होगा तथा घंटों की यात्रा मिनटों में पूरी की जायेगी।

फिलहाल रोप वे परियोजनाओं पर काम मंथर गति से प्राकलन तक सिमटा नजर आता है।
– भूपत सिंह बिष्ट

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