न सूत न कपास कामरेडस में लठ्ठम – लठ्ठ, पूर्व मंत्री शैलजा एवार्ड रेस से बाहर !
सीपीएम पार्टी ने एशिया के सम्मानित रमन मैगेसे एवार्ड को कम्युनिस्ट विरोधी करार दिया।
न सूत न कपास कामरेडस में लठ्ठम – लठ्ठ, पूर्व मंत्री शैलजा एवार्ड रेस से बाहर !
सीपीएम पार्टी ने एशिया के सम्मानित रमन मैगेसे एवार्ड को कम्युनिस्ट विरोधी करार दिया।
केरल की पूर्व स्वास्थ्य मंत्री और शिक्षाविद केके शैलेजा को कट्टर वामपंथियों के आगे नत मस्तक होना पड़ा है।
पिछली सरकार में केरल की हैल्थ मिनिस्टर शैलेजा ने कोरोना महामारी में उल्लेखनीय भूमिका निभायी।
कोरोना महामारी में जानमाल की रक्षा करने, हास्पीटल और घर – समाज में चाक चौबंद व्यवस्था बनाने के लिए केके शैलेजा दुनिया भर में एक समर्पित वामपंथी मंत्री के रूप में सराही गई हैं।
केके शैलेजा ने अपनी सीपीएम पार्टी के बाहर भी काफी प्रशंसा और प्रतिष्ठा अर्जित की है।
राजनीति में आने से पहले विज्ञान शिक्षिका रह चुकी शैलेजा मैम कई अंतर – राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित हुई हैं।
एशिया के रेमन मैगासे पुरस्कार को नोबुल पुरस्कार के समक्ष माना जाता है। भारत में अब तक समाजिक नेतृत्व, साहित्य, पत्रकारिता, शांतिदूत और अंतर – राष्ट्रीय योगदान के लिए लगभग 58 हस्तियां इस पुरस्कार से सम्मानित की जा चुकी हैं।
जिन में विनोबा भावे, जय प्रकाश नारायण, मदर टेरेसा, सत्यजीत रे, वर्गीज कुरियन, महाश्वेता देवी, अरविंद केजरीवाल, रवीश कुमार, अरूणा राय, किरन बेदी आदि शामिल हैं।
कामरेड शैलेजा के नामित होने पर सीपीएम जनरल सेक्रेटरी सीताराम येचुरी कह रहे हैं कि रमन मैगासे अवार्ड तो वामपंथ विरोधी है।
1957 में स्वर्गवासी फिलिपिन राष्ट्रपति रमन मैगाशे की स्मृति में एक एनजीओ ने ये पुरस्कार शुरू किया हुआ है।
तमाम कामरेडस का तर्क है कि 1940 के आसपास फिलिपिंस में वामपंथी आंदोलन को दबाने में रमन मैगासे की भूमिका रही है।
अब केरल की पूर्व हैल्थ मिनिस्टर केके शैलजा को भी कहना पड़ा है — मेरे नाम का विचार कृपया इस पुरस्कार के लिए न किया जाए क्योंकि सेंट्रल लीडरशिप मानती है कि पुरस्कार संचालित करने वाली एनजीओ कम्युनिस्ट विरोधी है।
पदचिह्न टाइम्स।