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हिमालय दर्शन : रूद्रप्रयाग में देव स्थल कार्तिकेय स्वामी धाम !

उत्तराखंड के रूद्रप्रयाग जनपद में है -  भगवान गणेश के भाई, देव कार्तिकेय स्वामी का प्राचीन मंदिर।

हिमालय दर्शन : रूद्रप्रयाग में देव स्थल कार्तिकेय स्वामी धाम !

उत्तराखंड के रूद्रप्रयाग जनपद में है –  भगवान गणेश के भाई, देव कार्तिकेय स्वामी का प्राचीन मंदिर।

शिव पुत्र कार्तिकेय की चर्चा गणेश की तुलना में अध्यात्मिक कथाओं में कमतर आती है।

फिर भी कार्तिकेय स्वामी का एक बेहद सुंदर रमणीय मंदिर रूद्रप्रयाग की सुरम्य वादियों में अवस्थित है।

मान्यता है – गणेश से प्रतियोगिता में हार के बाद कार्तिकेय ने अपनी हड्डियां पिता शिव को और माँस मां पार्वती को अर्पित कर अपने सर्वोच्च त्याग का अनुपम परिचय दिया था।

मातृ – पितृ भक्ति के लिए भगवान कार्तिकेय स्वामी विशेषकर दक्षिण भारत में अधिक पूजे जाते हैं।

गढ़वाल मंडल विकास निगम ने इस पर्यटक स्थल को साल भर गुलजार रखने के लिए नवीन विश्रामगृह बनाया है।

रुद्रप्रयाग और चमोली जनपद की सीमा पर दस हजार फिट की ऊँचाई पर स्थित ” कार्तिकेय स्वामी ” मंदिर पूरे उत्तर भारत में अनुपम और मनोरम स्थल है।

चारों ओर बर्फ से ढकी हिमालय की आकर्षक चोटियाँ, नीचे सुंदर घाटी, गांव, बाँज – बुराँस, चीड़ व देवदार के वन – बुग्याल के सुखद दृश्य इस सुगम देव दर्शन को अनन्य बनाते हैं।

कनकचौरी से तीन किमी की पदयात्रा ट्रेकिंग रुचि बढ़ाने में प्रशिक्षण का एक आदर्श लक्ष्य है – नागपुर, महाराष्ट्र से उत्तराखंड भ्रमण पर निकली श्रीमती नगीना सतेंद्र उपाध्याय घने जंगल के बीच से पहाड़ चढ़ने के अपने पहले और सफल अभियान पर अभिभूत हैं।

उत्तराखंड में रुद्रप्रयाग – पोखरी मार्ग पर 35 किमी दूर कनकचौरी से कंडारा होकर बांसबाड़ा, केदारनाथ मुख्यमार्ग पहुँचने की दूरी लगभग 25 किमी है।

इस प्रकार कार्तिकेय स्वामी मंदिर केदारनाथ मार्ग से भी जुड़ता है।
— भूपत सिंह बिष्ट

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