सीबीआई जांच – सरकार हाइकोर्ट का आदेश लागू करेगी – प्रेम अग्रवाल, संसदीय मंत्री।
वीआईपी कोई चेहरा नहीं, रिसोर्ट के कमरों के नाम - एसआईटी के पास आनलाइन और रजिस्टर में दर्ज टूरिस्टों की जानकारी।
सीबीआई जांच – सरकार हाइकोर्ट का आदेश लागू करेगी – प्रेम अग्रवाल, संसदीय मंत्री।
वीआईपी कोई चेहरा नहीं, रिसोर्ट के कमरों के नाम – एसआईटी के पास आनलाइन और रजिस्टर में दर्ज टूरिस्टों की जानकारी।
धामी सरकार ने विधानसभा में अंकिता भंडारी हत्या प्रकरण को दुर्दांत घटना बताया।
20 सितंबर को अभियोग दर्ज होने के बाद पुलिस ने तीनों अपराधियों को अंकिता भंडारी को चीला नहर में
धक्का देकर मारने का मुकदमा दर्ज कर गिरफ्तार कर केस वर्क आउट किया।
24 सितंबर को अंकिता का शव चीला नहर से बरामद कर एम्स ऋषिकेश में पोस्टमार्टम कराया गया।
एसआईटी जांच महिला डीआईजी के नेतृत्व में गठित की गई।
मामले की जांच सीबीआई से करायी जाये, मामला नैनीताल हाइकोर्ट में विचाराधीन है – कोर्ट के आदेश का सरकार पूरा पालन करायेगी।
रिसोर्ट में कुछ कमरों को वीवीआईपी शूट कहा जाता था और एसआईटी के पास इन वीवीआईपी कमरों में
रूकने वाले अतिथियों का रिकार्ड आन लाइन और रजिस्टर में दर्ज साक्ष्य हैं।
एसआईटी के पास अपराधियों के खिलाफ सजा दिलाने हेतु पर्याप्त साक्ष्य हैं।
प्रदेश पुलिस में 14 आईपीएस, 27 पीपीएस और 12 फीसदी महिलायें हैं।
जिस से महिलाओं में सुरक्षा की भावना उत्पन्न हो रही है।
सरकार ने महिला अपराधों पर रोकथाम के लिए 1800 180 4111 और वाटसएप नंबर 9411112780
भी जारी किया है।
उत्तराखंड में अपराध और कानून व्यवस्था की स्थिति सुधरी है।
पिछली सरकारों की तुलना में मामलों का पंजीयन और आवरण दर में सुधार हुआ है।
उत्तराखंड के संसदीय कार्यमंत्री प्रेम अग्रवाल ने विपक्ष द्वारा नियम 58 के तहद लाये गए प्रस्ताव
पर धामी सरकार का बचाव किया।
प्रेम अग्रवाल ने अपने विस्तृत जवाब में पुलिस की पीठ थपथपायी।
अब मामलों का अनावरण दर 83 फीसदी से 90 फीसदी तक सुधरी है।
मामलों में बरामदगी का आंकड़ा 54% से 69% तक सुधरा है।
धामी सरकार अपराध रोकने में पहले से बेहतर सरकार साबित हुई है और लोगों में सुरक्षा की भावना उत्पन्न हो रही है।
ड्रग के खिलाफ अभियान में 19 करोड़ 19 लाख की ड्रग्स बरामद की गई है।
प्रदेश स्तर पर एसआईटी, नारकोटिक और पुलिस थानों में तीन स्तरीय टीम सक्रिय हैं।
विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खण्डूडी ने पीठ से जसपुर विधायक आदेश चौहान की एफआईपर
एक सप्ताह में कार्रवाई करने के आदेश भी जारी किए।
कांग्रेसी विधायकों ने आरोप लगाया कि विपक्ष विधायक की एफआईपर पुलिस चार माह से लापरवाही बरत रही है।
अन्यथा 90 दिन में तो पुलिस को चार्जशीट दाखिल करने की संवैधानिक बाध्यता है।
पदचिह्न टाइम्स।