लद्दाख पैगांग सो झील का जादू फिल्म और युवाओं पर हावी !
तिब्बत और भारत की सीमा रेखा पर जुटता है युवा पर्यटकों का मेला।
लद्दाख पैगांग सो झील का जादू फिल्म और युवाओं पर हावी !
तिब्बत और भारत की सीमा रेखा पर जुटता है युवा पर्यटकों का मेला।
थ्री – इडियट फिल्म ने “पैगोंग सो” झील , लद्दाख टूरिज्म और आमिर खान के लिए ढेर सारा नाम कमाया है।
यहाँ पहुँचने वाले पर्यटक देश की चीन सीमा से लगी झील (जिसका दूसरा छोर चीन के कब्जे वाले तिब्बत में है) के साथ 17 -18 हजारफिट पर डटे जाबाँज भारतीय सेना का साक्षात्कार भी करते हैं।
पैगांग सो झील पहुँचने के लिए लेह से अस्थायी यात्रा परमिट लेना जरूरी है।
लेह से 130 किमी दूरी पर स्थित पैगोंग से लेक में मौसम माइनस डिग्री तक पहुँच जाता है।
लद्दाखी भाषा में झील को ” सो” और पर्वत शिखर को ” ला ” कहा जाता है।
पैगांग सो की भूगोलिक सुंदरता एकदम मानसरोवर झील का अहसास कराती है लेकिन इस झील के निर्मल जल का स्वाद नमकीन है।
फिर भी यहां बत्तखों को अठखेलियां करते हुए देखा जा सकता है।
यहां विपरीत मौसम में रूकना मँहगा पड़ता है सो काफी पर्यटक यहाँ कुछ घंटे रूककर लेह लौट आते हैं।
लद्दाख टूरिज्म में पैगांग सो, खार्दूंगला पास, नूब्रा वैली, रिजांग ला -चुशूल घाटी सब कुछ मनमोहक हैं।
— भूपत सिंह बिष्ट