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मिशन सिलक्यारा : पीएम मोदी और सीएम धामी सरकार को मिली बड़ी सफलता !

रेस्क्यू में  राज्य और केंद्र सरकार की एजेंसियों के साथ ही सेना, विभिन्न संगठन और विश्व के नामी टनल विशेषज्ञ

मिशन सिलक्यारा – 17वें दिन सुरंग से सकुशल बाहर आए सभी 41 श्रमिक !

रेस्क्यू में  राज्य और केंद्र सरकार की एजेंसियों के साथ ही सेना, विभिन्न संगठन और विश्व के नामी टनल विशेषज्ञ

 मंगलवार को पूरे देश के लिए मंगलमयी खबर सामने आई है।
डबल इंजन सरकार के सशक्त नेतृत्व और रेस्क्यू टीमों के अथक परिश्रम से

ऑपरेशन सिलक्यारा फतह कर लिया गया है।

सुरंग में फंसे सभी 41 श्रमिक 17वें दिन सकुशल बाहर आ गए हैं।

उत्तरकाशी जिले में यमुनोत्री हाईवे पर सिलक्यारा में निर्माणाधीन सुरंग में

12 अक्टूबर को भूधंसाव होने से 41 श्रमिक सुरंग में ही फंस गए थे।

घटना की सूचना मिलते ही बचाव अभियान शुरू कर दिया गया।

देहरादून से पहुंचे एसडीआरएफ के जवान स्थानीय पुलिस और जिला प्रशासन के साथ

तत्काल रेस्क्यू में जुट गए।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी मौके का जायजा लेने पहुंचे। सीएम के दौरे के साथ ही

रेस्क्यू अभियान जोर पकड़ गया।

राज्य और केंद्र सरकार की एजेंसियां रेस्क्यू ऑपरेशन में शामिल हो गईं।

सुरंग में मलबा हटाने के लिए सबसे पहले जेसीबी लगाई गई, लेकिन

ऊपर से मलबा गिरने पर सफलता नहीं मिल पाई तो देहरादून से ऑगर मशीन

मंगाकर सुरंग में ड्रिलिंग शुरू की गई।

ऑगर मशीन जवाब दे गई। फिर दिल्ली से अमेरिकन ऑगर मशीन मौके पर

पहुंचाई गई। इसके लिए वायुसेना के हरक्यूलिस विमानों की मदद ली गई।

इन विमानों ने मशीन के पुर्जों को चिन्यालीसौड़ हवाई पट्टी पर पहुंचाया और

यहां से ग्रीन कॉरिडोर बनाकर सिलक्यारा पहुंचाया गया।

 

सुरंग में 22 मीटर ड्रिलिंग के बाद सरिया के जाल सामने आने से

यह मशीन भी जवाब दे गई। फिर हैदराबाद से प्लाज्मा कटर मंगाया गया।

कटर से ऑगर को काटने के बाद 16वें दिन मैनुअल ड्रिलिंग शुरू की गई

और आज 17वें दिन जिंदगी का पाइप श्रमिकों तक पहुंचा दिया गया।

यही नहीं सरकार तीन अन्य मोर्चो पर भी काम कर रही थी। इसमें वर्टिकल ड्रिलिंग

का काम भी 50 मीटर तक पहुंच गया था।

रेस्क्यू टीमों को पूरे देश ने सैल्यूट किया है। राज्य और केंद्र सरकार की सभी एजेंसियां,

अधिकारी और कर्मचारी आज 17वें दिन तक पूरी तन्मयता और

मनोयोग से रेस्क्यू अभियान में जुटी रही।

मुख्यमंत्री धामी निरंतर स्थलीय निरीक्षण करने साथ ही रेस्क्यू टीमों की हौसला

अफजाई करते रहे। इसी का फल रहा है कि आज यह मिशन सफल हुआ।

रेस्क्यू ऑपरेशन में एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, बीआरओ, आरवीएनएल,

एसजेवीएनएल, ओएनजीसी, आईटीबीपी, एनएचएआईडीसीएल, टीएचडीसी,

उत्तराखंड राज्य शासन, जिला प्रशासन, भारतीय थल सेना, वायुसेना समेत

तमाम संगठनों, अधिकारियों और कर्मचारियों की अहम सक्रिय भूमिका रही।

पदचिह्न टाइम्स। 

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