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केदारनाथ यात्रा में हेलीयात्रियों की सुविधा में कटौती !

आईआरसीटीसी टिकट बुक करने तक सीमित और यूकाडा को नज़र अंदाज करती हेलीकंपनियां।

केदारनाथ यात्रा में हेलीयात्रियों की सुविधा में कटौती !
आईआरसीटीसी टिकट बुक करने तक सीमित और यूकाडा को नज़र अंदाज करती हेलीकंपनियां।

केदारनाथ धाम के लिए बरसात के कारण हेली सेवायें 20 जून के बाद

फिलहाल स्थगित हैं।
इस बार पहले दौर में एक जानकारी के अनुसार 54 हजार 778 यात्री हेलीकोप्टर से

केदारनाथ धाम पहुँचे हैं ।

मगर हजारों रूपये का टिकट बेचने के बाद हेली कंपनियों ने

तीर्थयात्रियों की सुविधा का कोई खास ख्याल नहीं रखा।

ना ही यूकाडा – उत्तराखंड नागरिक उड्डयन विकास प्राधिकरण के अधिकारी

केदारनाथ यात्रा में कहीं सहयोग जुटाते नज़र आये।
17 जून को केदारनाथ धाम में हेलीपैड पर अव्यवस्था का आलम इस कदर

रहा कि प्रतीक्षारत महिला, पुरूष बुजुर्ग यात्री, यहाँ – वहाँ ज़मीन पर बैठने को विवश हुए।

यही नज़ारा रोजाना केदारनाथ हैलीपैड पर रहता है – ऐसी चर्चा आम है।

हेलीकाप्टर में चढ़ने और उतरने के लिए यात्रियों को एक  मिनट के भीतर स्टॉर्ट हेली 

में रिस्क से धकियाया जाता है। 
यूकाडा द्वारा तैनात सुरक्षाकर्मियों का व्यवहार हैलीयात्रियों के प्रति घोर उपेक्षाभरा

और निंदनीय था। देश के हर प्रांत से पहुंचे तीर्थयात्रियों के साथ वार्ता और

जानकारी देने में इस कदर कटुता बरती गई मानों सरकार मुफ्त में सवारी

करा रही हो।

हैलीपैड पर ही आठ कंपनियां के आफिस टैंट में चल रहे हैं  सो अनावश्यक भीड़ वहां

मौजूद होती है  और बैठने के लिए कुर्सियों का अभाव है ।

हैली कपनियों ने अपने कर्मचारियों को यात्रियों के साथ सलीके से पेश आने

की ट्रेनिंग भी नहीं दी है।
भले ही केदारनाथ धाम में यात्रियों की सुविधा के नाम पर थार वाहन पहुंचा दिये

गए हैं लेकिन हैलीयात्रियों को बैठने के लिए पर्याप्त कुर्सी और बैंच पहुंचने

अभी बाकि हैं।

हैली टिकटों की बुकिंग भारतीय रेल की आईआरसीटीसी कंपनी को

आंशिक रूप से दी गई है लेकिन हैली टिकटों का दैनिक कोटा

सार्वजनिक नहीं है।

हैलीकंपनियां का डायनिमिक किराये पर टिकट बेचना टिकट नीति का

दोष जाहिर करता है। आखिर तीर्थयात्रा के लिए तत्काल बुकिंग के नाम पर

ज्यादा वसूली का क्या औचित्य है।

जिलाधिकारी आफिस से भी टिकट आरक्षित किए जाते हैं।
80 किलोग्राम से ज्यादा वजनी तीर्थ यात्री से 150- रूपये प्रति किलो प्रभार

लिया जाता है। भले ही उनके ग्रुप के अन्य सदस्यों का वजन 80 किलो से कम हो।

कांउटर पर तत्काल टिकट – डायनिमिक फेयर पालिसी भी तीर्थयात्रियों की

जेब पर भारी हैं और हैलीकंपनियों को अतिरिक्त लाभ देने के लिए

यूकाडा ने बनायी है।

चारधाम यात्रा से जुड़े टूर आपरेटर इस व्यवस्था से नाराज हैं क्योंकि हैली टिकट

न मिलने से देश भर के तीर्थयात्री अपनी बुकिंग रद्द कराते जा रहे हैं।
– भूपत सिंह बिष्ट।

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