हरियाणा चुनाव में आई गर्मी – अरविन्द केजरीवाल को मिल गई बेल !
आम आदमी पार्टी के संयोजक केजरीवाल ने चखा ईडी और सीबीआई कस्टडी का स्वाद।
दिल्ली नई शराब नीति जो अब रद्द की जा चुकी है, में भ्रष्टाचार की जांच के चलते दिल्ली सरकार के मुख्यमंत्री ,
उपमुख्यमंत्री, दक्षिण भारत के नेता और व्यापारी जेल अभिरक्षा में रहें हैं।
मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल 21 मार्च को पहले ईडी और फिर सीबीआई ने अपनी हिरासत में रखा।
केंद्र सरकार की एजेंसिओं से बेल पाने के लिए आप पार्टी के प्रमुख नेताओं को सुप्रीम कोर्ट से राहत मिल
पाई है।
यह अपने आप में विचित्र मामला है कि कोई नीति बनाने और उसका लाभ किसी लॉबी को होने की जांच
केंद्र सरकार की एजेंसिओं ने अपने हाथ में ली है। भले ही पोलिटिकल शोर शराबा होने पर नीति को रद्द
कर दिया गया लेकिन एजेंसिओं ने सत्ता में बैठे मंत्रियों पर हाथ डाला।
आप पार्टी जो अब राष्ट्रीय दल बन चुका है, ने इसे राजनीतिक प्रतिशोध बताया। मामले में साउथ शराब लॉबी
को हितकारी बताकर कार्रवाई शुरू हुई। अभियुक्त वादामाफ गवाह बनने के बाद उनकी हिरासत में ली
गई गवाही आप नेताओं के लिए कानूनी फंदा बन गई।
मज़े की बात है कि कांग्रेस पार्टी से जुड़े वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी और कपिल सिब्बल अपनी धुर विरोधी
आम आदमी पार्टी के नेताओं को जेल से बाहर निकालने में मददगार साबित हुए हैं।
हिरासत में रहने के बावजूद अरविन्द केजरीवाल ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा नहीं दिया और बीजेपी
के खिलाफ सरकार अस्थिर करने के आरोप लगा दिए। कमजोर आप नेता संकट की घड़ी में दल – बदल
कर गए।
केजरीवाल बिना मंत्रालय के मुख्यमंत्री हैं सो शराब नीति बनाने और कुछ समय तक लागू करने की गाज
डिप्टी चीफ मिनिस्टर मनीष सिसोदिया पर गिरी। आप नेताओं के घर और ऑफिस से बेनामी पैसा ना
मिलने से जमानत हासिल करने में बाधा नहीं आई।
अरविन्द केजरीवाल मुख्य्मंत्री कार्यालय और सेक्रेट्रिएट नहीं जा सकते हैं और अपने मामले की सार्वजनिक
चर्चा भी नहीं कर सकते हैं। केजरीवाल को ईडी मामले में 12 जुलाई को बािल मिल गई थी लेकिन फिर सीबीआई
ने दो साल पहले दर्ज मामले में हिरासत में ले लिया था।
भारत में पहली बार मुख्यमंत्री रहते हुए नेता जेल गए और उनका न इस्तीफा हुआ और न ही कोर्ट ने
इसे जरूरी माना है। भविष्य में पोलिटिकल नेताओं को जेल भेजने के लिए उनकी बनाई आर्थिक नीतियां
और सरकारी एजेंसिओं का इस्तेमाल होने की संभावना बढ़ गई है।
फिलहाल आप पार्टी के सभी नेता हरियाणा चुनाव में बाहर आ चुके हैं और बीजेपी के लिए हर संभव
चुनावी बाधा खड़ी करने वाले हैं।
सीबीआई की गिरफ्तारी को जायज ठहराने में सुप्रीम कोर्ट का निर्णय बंटा हुआ है। सुप्रीम कोर्ट ने
सीबीआई को आगाह किया है कि देश की प्रमुख एजेंसी को निष्पक्ष होना है ताकि उसे पिंजरे का
तोता न कहा जाये।
- भूपत सिंह बिष्ट