
ऑपरेशन सिंदूर पाकिस्तानी आतंकवाद को सीधा और स्थायी सन्देश !
घर पर घुसकर मारना – कहावत भारतीय सेना ने ऑपरेशन सिंदूर से एक बार फिर साबित
कर दी है और सेना का ऑपरेशन इस कदर मारक रहा कि अपने हथियार व्यापार में मशगूल
अमेरिका भी सीज फायर के लिए चिंतित हो उठा।
सेना का ऑपरेशन कोई मोबाइल गेम नहीं है कि जब चाहे बंद और शुरू कर दिया जाये। पाकिस्तानी
सेना चीफ का बड़बोला पन इस बार उसकी फजीहत का कारण बना है। पाकिस्तानी सेना और सरकार
आतंकवादियों की सरपरस्त बनी हुई है।
1971 में भारतीय सेना ने पाकिस्तान के दो टुकड़े कर बांग्लादेश बनाया और 93 हज़ार पाकिस्तानी सैनिकों
को बंदी बना लिया गया था। शिमला समझौते के बाद पाकिस्तानी सैनिक रिहा हुए और पाकिस्तान ने लिखित
में माना की – आगे दोनों देश अपने विषय बातचीत से हल करेंगे और तीसरा देश बीच -बचाव नहीं करेगा।
1999 में पाकिस्तान ने कारगिल युद्ध छेड़ कर फिर अपनी पिटाई करवाई और फौज को मरवाया – अमन पसंद
अटल बिहारी वाजपेयी जी के प्रधानमंत्री रहते हुए पाकिस्तान के नागरिकों को फौरी राहत मिल गई। अन्यथा
अगर तब सेना ने घर में घुस कर करवाई की होती तो पाकिस्तान का नक्शा बदल गया होता।
पाक अधिकृत कश्मीर से जम्मू – कश्मीर में आतंक फैलाने का पाकिस्तानी कारोबार इस बार देश को
बड़ा नागवार गुजरा है। जम्मू – कश्मीर में टूरिज्म और बिजनेस से बढ़ रही खुशहाली को तबाह करने के
लिए 22 अप्रैल को पाकिस्तानी आतंकवादियों ने 26 टूरिस्टो को मौत के घाट उतार कर सरकार को
चैलेंज किया।
सिक्योरिटी में चूक का सुधार करने के लिए सरकार ने पाकिस्तान के लिए बड़ा सबक तय किया –
जिसकी बानगी ऑपरेशन सिंदूर के रूप में सारी दुनिया के सामने है। तड़के 7 – 8 मई की तारीख एक
बार फिर पाकिस्तानी सेना की बेबस पिटाई युद्ध इतिहास में दर्ज़ हो गई है।
ऑपरेशन सिंदूर का विवरण देने की जिम्मेवारी कर्नल सोफ़िया कुरैशी , विंग कमांडर व्योमिका सिंह और
विदेश सचिव विक्रम मिश्री को मिली।
लाहौर से सटे मरकज़ सुभान अल्लाह भावलपुर में जैशे मोहम्द के चीफ मौलाना मसूद अज़हर और
मुफ़्ती अब्दुल रउफ असग़र के ठिकाने पर अचूक मिसाइल प्रहार ने भारतीय सेना की सर्वोच्च क्षमता
को साबित कर दिया।
इस के अलावा 8 अन्य मरकज़ तैयबा मुरीदके , सरजल तेहरा कलां शकरगढ़ , मेहमूना जोया स्यालकोट ,
मरकज़ बरनाला भिम्बर , मरकज़ अब्बास कोटली , मस्कर राहील शाहिद कोटली , सवाई नाला कैंप मुज़फ़्फ़राबाद ,
मरकज बिलाल मुज़फ़्फ़राबाद के आतंकी ठिकानों को सेना ने नेस्तनाबूद कर बदला चुकाया है।
ऑपरेशन सिंदूर के 9 लक्ष्य 4 पाकिस्तान और 5 पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में सफलता पूर्वक
अंजाम दिए गए।
पाकिस्तानी सेना की जवाबी कार्रवाई को फेल करते हुए भारतीय सेना ने पाकिस्तानी वायु सेना के राडार
और हवाई पट्टियों पर अपनी मारक क्षमता का परिचय दिया।
पाकिस्तान की परमाणु हेकड़ी तब निकल गई – जब उसकी परमाणु हथियार वाली पहाड़ियां भी प्रहार
की जद्द में घेर ली गई। मजबूरन 10 मई की शाम पाकिस्तानी डायरेक्टर जनरल मिलिट्री ऑपरेशन ने
सीज़ फायर की अपील की थी और भारतीय डायरेक्टर जनरल मिलिट्री ऑपरेशन ने इसे स्वीकार किया।
पाकिस्तानी फौजी जनरल असीम मुनीर के बयान – पाकिस्तान की आर्थिक तबाही और सिविल वॉर की और
धकेलने वाले रहें हैं। अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष पाकिस्तान को 1.3 बिलियन डॉलर का ऋण जारी कर रहा है और तभी
पाकिस्तानी आतंकी सपोर्ट का दुष्परिणाम जगजाहिर हो गया।
पहलगाम नर संहार पर कड़ी कार्रवाई की चेतावनी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जारी की थी और पूरे देश ने एक
स्वर में सेना को खुले हाथ से जवाब देने का स्वागत किया। जम्मू – कश्मीर ने भी पाकिस्तान के खिलाफ मुहतोड़
कार्रवाई की मांग उठायी क्योंकि पाकिस्तान उनका बिज़नेस ठप्प करने के लिए हिंसा फैलाता है।
ऑपरेशन सिंदूर को अभी सीज़ फायर के चलते रोका गया है लेकिन पाकिस्तान को सबक सिखाने के लिए
सिंधु जल संधि को आतंकवाद के खिलाफ हथियार बनाने की योजना जारी रहेगी।
इस अभियान में भारतीय थल , जल और वायु सेना के पराक्रम को दुनिया ने देखा। मानव रहित ड्रोन,
आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस और जमीन और आकाश की रक्षा में तैनात मिसाइल्स और राडार तकनीक ने
आधुनिक युद्ध कला को नई दिशा दी है।
ऑपरेशन सिंदूर पाकिस्तानी आतंकवाद को सीधा और स्थायी सन्देश है – आतंकवादी घुसपैठ का अब घर
में घुसकर मुहतोड़ जवाब मिलेगा।
- भूपत सिंह बिष्ट।