
जस्टिस यशवंत वर्मा दिल्ली से इलाहाबाद हाईकोर्ट ट्रांसफर !
पुलिस एफआईआर के लिए पीआईएल और बार एशोसियेशन ने वर्मा के निर्णयों को जांचने की मांग उठायी।
दिल्ली हाईकोर्ट के जस्टिस यशवंत वर्मा के अधिकारिक आवास में भारतीय नकदी जलने का
मामला अभी थमने में नहीं आ रहा है।
सुप्रीम कोर्ट ने जस्टिस वर्मा की इन हाउस जांच के लिए तीन राज्यों के चीफ जस्टिस की कमेटी गठित कर दी है।
दिल्ली हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस ने सुगम और निष्पक्ष जांच के लिए जस्टिस वर्मा को
दिल्ली से बाहर ट्रांसफर की अपील की है।
सुप्रीम कोर्ट कोलिजियम ने इलाहाबाद हाईकोर्ट बार की अपील नज़रअंदाज करते हुए
जस्टिस वर्मा को फिर से इलाहाबाद ट्रांसफर कर दिया है।
जस्टिस यशवंत वर्मा सभी न्यायिक कार्यों से पहले ही विरत किए जा चुकें हैं ।
उधर इलाहाबाद हाईकोर्ट बार एशोसियेशन ने जस्टिस वर्मा द्वारा दिए गए सभी निर्णयों की
समीक्षा करने की मांग उठायी है और पोस्टिंग के खिलाफ हड़ताल पर जाने का निर्णय लिया है।
आज सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर कर जस्टिस वर्मा के मामले पर पुलिस को
प्राथमिकी दर्ज कर जांच कराने का अनुरोध किया गया।

याचिका में मांग की गई – बड़ी मात्रा में नकदी जलने और जले हुए अवशेष को ठिकाने लगाने,
नकदी का मालिक तय करने और विभिन्न घटित अपराधों का संज्ञान लेते हुए पुलिस को
एफआईआर दर्ज करने का आदेश जारी किया जाये।
जस्टिस वर्मा को कोई विशिष्ट सुविधा न दी जाए और कोलिजियम द्वारा नियुक्त जांच कमेटी
संविधान सम्मत प्रतीत नहीं हो रही है।
सुप्रीम कोर्ट ने जस्टिस वर्मा के सरकारी निवास पर तैनात सुरक्षाकर्मियों और कर्मचारियों का
डाटा भी तलब कर लिया है।
जस्टिस वर्मा के मोबाइल डाटा के संरक्षण की बात भी हो चुकी है।
ज्ञात रहे कि 14 मार्च को जस्टिस वर्मा के दिल्ली निवास में अकूत नकदी जलने का वीडियो,
जस्टिस वर्मा और चीफ जस्टिस के प्रारंभिक बयानों की रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट ने अपनी वेबसाइट में
प्रकाशित किया है और जस्टिस के विरूद्ध नियमानुसार कार्रवाई भी जारी है।
पदचिह्न टाइम्स।