आईएसआईएस पर अमेरिकी कार्रवाई शुरू !
काबुल एयरपोर्ट हमले के मास्टर माइंड अब ड्रोन अटैक की जद में आए।
काबुल एयरपोर्ट के हमलावरों पर अमेरिका ने ड्रोन ( मानव रहित) विमान से हमला बोला है। यह हमला अफगानिस्तान के नानगहर प्रांत में इस्लामिक स्टेट – खोरसान ग्रुप पर हुआ है जिसने 26 अगस्त को अफगानिस्तान में हुए दो आत्मघाती हमलों व गोलीबारी की जिम्मेदारी ली है।
काबुल एयरपोर्ट हमले में अब तक 13 अमेरिकी सैनिक , 3 ब्रिटीश नागरिक और सौ से अधिक अफगानी मारे गए हैं और बड़ी संख्या में स्थानीय अफगानी और विदेशी नागरिक घायल हुए हैं।
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बायडेन ने अपने सैनिकों की मौत का बदला लेने के लिए सेना को फ्री हैंड दिया है। सेंट्रल कमांड के कैप्टन बिल अरबन ने ड्रोन अटैक के बाद आईएस- खोरसन ग्रुप को सबक सिखाने की बात दोहरायी है।
अमेरिका ने साफ कर दिया है कि तालिबान की बातों में नहीं, कामकाज पर नज़र रखी जा रही है। अफगानिस्तान की नई तालिबान सरकार को पूरे विश्व की मान्यता पाने से पहले खुद को साबित करना है। अमेरिकी सेना 31 अगस्त से पहले काबुल एयरपोर्ट से नहीं हटेगी ताकि सहयोगी देशों के नागरिक सुरक्षित निकल सके।
हजारों अफगानी नागरिकों के देश छोड़ने से बदहवास तालिबान डिप्टी हैड शेर महोम्मद अब्बास ने टेलीविजन पर गुहार लगायी है कि बहुत जल्दी अफगानी नागरिक अपनी मर्जी से देश के बाहर जा सकेंगे और अफगानी बार्डर पर सख्ती कम होगी।
31 अगस्त तक अफगानिस्तान से अमेरिकी विदाई का सिलसिला पूरा हो जाना है और अब तक अमेरिका, फ्रांस, ब्रिटेन, टर्की , भारत आदि देश अपने नागरिकों को बाहर निकाल चुके हैं। जर्मनी के लगभग तीन सौ नागरिक और सहयोगी अफगानिस्तान में फंसे हुए हैं।
पदचिह्न टाइम्स।