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काबुल आत्मघाती हमला – 12 अमेरिकन सैनिक मृत व 15 घायल !

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बायडेन की अग्नि परीक्षा - अब आईएस को  ढूंड - ढूंड  कर मारेंगे।

काबुल आत्मघाती हमला, 12 अमेरिकन सैनिक मृत व 15 घायल !
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बायडेन की अग्नि परीक्षा – अब आईएस को  ढूंड – ढूंड  कर मारेंगे।
पदचिह्नन टाइम्स ब्यूरो
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बायडेन ने अपने सैनिक कमांडरों  को काबुल आत्मघाती हमले में मारे गए अमेरिकी सैनिकों और घायलों के प्रतिकार का  मुंह तोड़ जवाब देने के आदेश दिए हैं। किसी भी सूरत में अमेरिका अपने हितों की रक्षा करने में पीछे नहीं रहेगा।

सेंट्रल कमांडर ने एयरपोर्ट पर बम धमाका और गोलीबारी करने की साजिश रचने वालों को ढूंडकर खत्म करने का आह्नान किया है। कल के आत्मघाती – फिदायन हमले और गोलीबारी में 60 से अधिक अफगानी नागरिकों ने अपनी जान गंवायी है और बड़ी संख्या में लोग घायल हुए हैं।

मृत और घायल काबुल एयरपोर्ट के करीब अफगानिस्तान छोड़ने के लिए अपनी बारी की प्रतीक्षा में थे। अफगानिस्तान में तालिबान कब्जा होने के बाद एक लाख से अधिक लोगों ने अबतक पलायन किया है और अभी अमेरिका के एक हजार से अधिक नागरिक अफगानिस्तान छोड़ने की तैयारी में हैं।

सूत्रों के अनुसार आईएसआईएस ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है। एक ही मज़हब के बीच शुरू हुए खून खराबे को लेकर अब पाकिस्तान व चीन सरकार का रवैया अफगानिस्तान सरकार के पतन और तालिबान कब्जे के बाद हो रही व्यापक हिंसा और जानमाल नुक्सान को लेकर पूरी दुनिया में गलत साबित हुआ है।

जो बायडेन की योजना के अनुसार काबुल एयरपोर्ट को अमेरिकी सेना और सहयोगियों ने अपने कब्जे में रखा है ताकि 31 अगस्त तक अफगानिस्तान छोड़ने को आतुर लोग आसानी से बाहर जाने का रास्ता पा सकें। विगत 20 सालों से अमेरिका सेना और संसाधन अफगानिस्तान को तालिबान के कब्जे में आने से बचा रहे थे।

पूरा विश्व अफगानी महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा को लेकर कट्टर मुस्लिम परस्त तालिबान के विरोध में एकमत है। अमेरिका अब नहीं चाहता है कि उसकी सेना अगले दस साल और अफगानिस्तान सरकार चलाने के लिए अपने नागरिकों की जान दाव पर लगाये।

अमेरिका इस आत्मघाती हमले की तह तक जाना चाहता है और फिलहाल तालिबान को अपना सहयोगी मानकर क्लीन चिट दे रहा है। अब उनके सीधे निशाने पर आईएसआईएस है, जिसने अमेरिकी राष्ट्रपति को खुली चुनौती देने की हिमाकत की है।

साफ है कि लंबे अर्से तक एक बार फिर अफगानिस्तान और आसपास का इलाका अमेरिकी और यूरोपियन साथी सेना के हवाई हमलों की ज़द में रहने वाला है।

राहत की बात यह है कि मोदी सरकार ने त्वरित कार्यवाही करते हुए अपने अधिकांश नागरिकों को काबुल एयरपोर्ट और आसपास देशों के एयरपोर्ट से सुरक्षित बाहर निकाल लिया है।

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