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अमृत महोत्सव : राष्ट्रीय सुरक्षा में महिलाओं की भूमिका और चिंतन !

आरएसएस की विचार गोष्ठी में मातृशक्ति का वंदन और चुनौती पर खुलकर चर्चा हुई।

अमृत महोत्सव : राष्ट्रीय सुरक्षा में महिलाओं की भूमिका और चिंतन !
आरएसएस की विचार गोष्ठी में मातृशक्ति का वंदन और चुनौती पर खुलकर चर्चा हुई।

देश में मनाये जा रहे – अमृत महोत्सव स्वतंत्रता के 75 वें वर्ष के उपलक्ष्य में महिलाओं के बीच एक विचार गोष्ठी आयोजित की गई।

 


राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के संपर्क विभाग ने राष्ट्रीय आंदोलन में महिलाओं की भूमिका से अवगत कराने के लिए विदुषी महिलाओं के व्याख्यान आयोजित किए।

विचार गोष्ठी की अध्यक्षता श्रीमती तृप्ति कुँवरने की।

मुख्य अतिथि श्रीमती कैप्टन रूचि दत्ता सेवानिवृत्त और विशिष्ठ अतिथि श्रीमती अलकनंदा अशोक, डीन पंतनगर कृषि विश्व विद्यालय रही।
कैप्टन रूचि दत्ता ने कहा – समाज में बेटियों को यथोचित अवसर मिले तो वे अब बेटों से बढ़कर ही साबित होती हैं।

कृषि विश्व विद्यालय की डीन अलकनंदा अशोक ने कहा कि महिलाओं को स्वतंत्र आकाश मिले तो वह अपनी उड़ान से हमेशा खुद को साबित करती रही हैं।

आज समय है कि महिलाओं को शस्त्र निपुण बनाकर सशक्तिकरण को सही मायने दिए जायं।

तृप्ति कुँवर ने आह्वान किया – उत्तराखंड की महिलायें हर मोर्चे पर सफल रही हैं।  अधिकारी और सैनिक की पत्नी अपने पति और परिवार का मनोबल बढ़ाने वाला मजबूत स्तंभ है।

देश के लिए जान की बाजी लगाने वाले उत्तराखंड फौजी परिवार की महिला हमेशा मजबूत और कर्तव्यनिष्ठ रही है।

मुख्य वक्ता रामलाल ने राष्ट्रीय आंदोलनों से जुड़ी विशिष्ठ महिलाओं का स्मरण अपने उदबोधन में किया।

 


अखिल भारतीय संपर्क प्रमुख और पूर्व राष्ट्रीय संगठन मंत्री बीजेपी राम लाल ने भारत की मातृशक्ति का अभिनंदन किया।  समाज, देश और विश्व स्तर पर योगदान करने वाली माताओं और बहनों को स्मरण किया।

 

मुख्य वक्ता ने कहा – जीवन में कुछ बड़ा करना है तो महिलाओं को बड़ी सोच रखनी है।  यह शुरूआत मौहल्ले से की जा सकती है और तभी समाज को सफलता मिल सकती है।
— प्रस्तुति दीपिका दत्ता।

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