बिजनेश करने के लिए बैंक ऋण चाहते हैं — संदीप एम खानवलकर।
बिजनेश करने के लिए बैंक ऋण चाहते हैं !
बैंक ऋण के लिए अपनी सादी प्रोजेक्ट रिपोर्ट ऐसे बनायें।
— संदीप एम खानवलकर, पूर्व मुख्य प्रबंधक।
आप चाहे छोटे व्यवसायी हों या बड़े, नौकरी करते हैं या प्रोफेशनल, कभी ना कभी हम सब को बैंक से ऋण लेने की आवश्यकता पड़ जाती है। अक्सर छोटे व्यवसायी बैंक से ऋण लेना पहाड़ चढ़ने जैसी जटिल प्रक्रिया मानते हैं।
कुछ लोग मानते हैं कि यह एक लंबी प्रक्रिया है — इस में समय और कागजातों की लंबी प्रक्रिया तय करनी पड़ती है।
वास्तव में बैंक , ऋण वितरण की कार्यवाही अपने मापदंडों के अनुरूप करते हैं और कई बार तैयारी ना होने पर या मापदंड पूरे करने में समय लगता है और बैंक खरा ना उतरने पर आप का ऋण आवेदन निरस्त भी कर सकता है।
अधिकतर बड़े व्यवसायी बैंक माप दंडों के अनुरूप आवश्यक दस्तावेज बनाने के लिए सीए यानि चार्टेड एकांउटेंट की सेवायें लेते हैं और सारी प्रक्रिया बिना अधिक परेशानी के पूरी कर ली जाती है। दूसरी ओर छोटे व्यवसायी सीए की सेवायें लेने के लिए फीस चुकाने या संपर्क का अभाव जैसे कारणों से बचते हैं या बैंक के मापदंडों की जानकारी ठीक से किए बिना अपना समय खराब करते हैं और बैंक की कार्य प्रणाली को भला बुरा कहते हैं। जैसे कहावत बन चुकी हैं – बैंक लोन लेने के लिए तो कई जोड़ी जूते घिसने पड़ गए।
तो आइये बैंक ऋण के लिए आवश्यक दस्तावेज और जानकारियों की चर्चा करें ताकि अगली बार आप को बैंक से ऋण लेने में लोहे के चने ना चबाने पड़ें ! सामान्यता बैंक दो तरह के ऋण प्रदान करते हैं — एक उत्पादक कार्य हेतु ऋण,
दूसरा गैर उत्पादक या उपभोग ऋण।
छोटे व्यवसायी उत्पादक कार्य जैसे व्यवसाय, सेवा, निर्माण आदि हेतु ऋण लेते हैं। जबकि नौकरी पेशे के लोग उपभोग ऋण (जैसे कार – स्कूटर, टीवी – फ्रिज, घूमने एलटीसी, शादी विवाह की आकस्मिक जरुरतों के लिए ) लेने की प्रवृत्ति समाज में तेजी से बढ़ गई है।
उत्पादक ऋण व्यवसाय, सेवा, निर्माण आदि के लिए सबसे पहले यह जानकारियां जुटा लें और फिर बैंक में जांये !
स्वयं के बारे में — पहचान पत्र से लेकर आवास के दस्तावेज सबसे पहली जरुरत हैं। आप की फोटो और व्यवसायिक शिक्षा का प्रमाणपत्र भी ऋण आवेदन के लिए आवश्यक हैं। अत: आधार कार्ड, पैन कार्ड,वोटर कार्ड तैयार रखिये।
व्यवसाय के बारे में — सभी बैंक सबसे पहले आप के व्यवसाय मौजूदा या प्रस्तावित का आंकलन करते हैं। अन्यथा नौसिखिया बैंक का ऋण चुकाना तो दूर अपनी असफलता के साथ ऋण राशि डूबा सकता है सो अपने व्यवसाय के बारे में पूरी जानकारी और समझ की तैयारी के साथ बैंक में जायें।
व्यवसाय के संबंध में निम्न दस्तावेज सहायक हैं – 1. व्यवसाय की जगह, स्वामित्व या किरायानामा के दस्तावेज।
2.व्यवसाय का प्रकार — ट्रेडिंग – स्टाक विवरण, कच्चा माल व निर्माण की प्रक्रिया।
3.माल बेचने संबंधी करार या व्यवस्था जैसे रिटेल विक्रय में उस उत्पाद की मांग और सप्लाई।
4.भविष्य की योजना— जैसे अगले तीन से पांच सालों में बिक्री के अनुमान, व्यवसाय विस्तार की संभावनायें क्या रहेंगी। व्यवसाय की यह सभी जानकारी आप सादे कागज पर लिखकर एक साथ उपलब्ध कराते हैं तो यह आप की साधारण प्रोजेक्ट रिपोर्ट बन गई जो हर जगह, हर बार उपयोगी है।
वित्तिय विवरण — ऋण लेने वाले को अपने मौजूदा बैंक से अपने खातों के कम से कम छह माह के विवरण देना है।
यदि आप ने किसी वित्तिय संस्था या बैंक से पहले ऋण लिया है तो यह अति संवेदनशील दस्तावेज जानकारी है। इन्हीं विवरणों के आधार पर बैंक आप की वित्तिय स्थिति तथा ऋण चुकाने का इतिहास जानते हैं और किसी भी चूक पर आप का ऋण आवेदन निरस्त हो सकता है।
यदि आप अपने व्यवसाय की बैलैंस शीट और लाभ- हानि खाता पिछले तीन वर्ष का उपलब्ध करा सकते हैं तो यह आप को ऋण पाने में सबसे सहायक दस्तावेज साबित होना है। आप इसे अपनी प्रोजेक्ट रिपोर्ट में भी जोड़ सकते हैं।
मार्जिन की आवश्यकता — बैंक हर ऋण में आप से मार्जिन जमा कराता है। मार्जिन का अर्थ है — आवेदक का अंश।
जैसे आप पांच लाख की एक मशीन व्यवसाय के लिए ऋण पर खरीदना चाहते हैं तो बैंक 10 – 25 प्रतिशत तक मार्जिन जमा करा सकता है यानि 10 प्रतिशत मार्जिन होने पर बैंक साढ़े चार लाख ऋण देगा और पचास हजार आप का अंश रहेगा।
ऋण आवेदन पत्र — बैंक हर ऋण के लिए निश्चित आवेदन पत्र भरवाते हैं सो आवेदन पत्र के हर कालम पर पूरी और स्पष्ट जानकारी देना आवश्यक है।
स्पष्ट है कि सभी युवाओं को स्वरोजगार के लिए व्यवसाय शुरू करने से थोड़ी बहुत कामर्स की जानकारी, बाजार और बैंक की समझ, ग्राहक सेवा मनोविज्ञान की तैयारी भी करनी है और यह पढ़ाई कालेज से इतर स्वाध्याय से या आसपास से जुटायी जा सकती है।
— संदीप एम खानवलकर।