बेरोजगार अब ऐसे बने सफल उद्यमी!
कौशल विकास व उद्यमिता मंत्रालय के कौशल विकास केंद्रों से जुड़ें !
बेरोजगार अब ऐसे बने सफल उद्यमी!
कौशल विकास व उद्यमिता मंत्रालय के कौशल विकास केंद्रों से जुड़ें !
संदीप एम खानवलकर, पूर्व बैंक मुख्य प्रबंधक।
हम अक्सर चर्चा करते हैं कि नौकरियां चाहे सरकारी हो या प्राइवेट सेक्टर में , तेजी से घटती जा रही हैं और जाहिर है कि बेरोजगारी का आंकड़ा आकाश छूने को तैयार है। अब चाहे कारण कुछ भी हों, सच यह भी है कि नौकरी करने से बेहतर, नौकरी प्रदाता बनना समाज में श्रेष्ठ विचार है।
हमारी शिक्षा व्यवस्था अभी जरूरी किताबी ज्ञान तक ही सीमित है और उद्यमी या स्वरोजगार के लिए किताबी ज्ञान से कुछ अधिक की हमेशा आवश्यकता रहती है।
सफल उद्यमी होने के लिए आवश्यक हुनर या स्किल की चर्चा करना आवश्यक है – एक हुनर मंद सफल उद्यमी अपना और कर्मचारियों का जीवन सफल करता है। हर सफल उद्यमी के पास प्रायः निम्न योग्यतायें देखी गई हैं –
उर्जा व उत्साह – अधिकतर देखा गया है कि सफल उद्यम, मालिक को उत्साह और उर्जा से लबरेज रखता है और उर्जा का यह संचार पूरे स्टाफ में नजर आता है। यह उत्साह आप को हमेशा निराशावादी होने से बचाता है और सदा सकारात्मक यानि पोजिटिव विचारों से ओतप्रोत रखता है।
धैर्य – सफलता किसी भी उद्यम में एकदम नहीं मिलती है। सफलता पाने के लिए धैर्य के साथ लगातार प्रयास करने होते हैं। यदि धैर्य छूट गया तो पहले के सारे प्रयास व्यर्थ हो सकते हैं और सफलता दूर जा सकती है। अतः धैर्य पूर्वक काम करना सफल उद्यमी के लिए अति आवश्यक है।
जोखिम उठाने की क्षमता – जीवन में जोखिम या रिस्क बिजनेस में लगाये धन का ही नहीं होता है – इस में आपका बहुमूल्य समय खोने और आप के आत्मविश्वास खोने का भी जोखिम रहता है। अतः सफल उद्यमी को हमेशा नियोजित धन के साथ मानसिक व शारीरिक तौर पर जोखिम उठाने के लिए तैयार रहना है।
नए प्रयोग – किसी भी व्यवसाय में प्रतिस्पर्धा के साथ आप को कुछ नया प्रयोग करने के लिए हमेशा तैयार रहना है। जितना नया करते हैं – उद्यम की सफलता का प्रतिशत बढ़ता जाता है।
नई सोच को अमल में लाने से – आप किसी भी व्यवसाय सेवा, निर्माण या सप्लाई में आप हमेशा ज्यादा लोगों तक पहुंच बना पाते हैं और अधिक सफलता अर्जित करते हैं।
व्यवसायिक दृष्टिकोण – हमेशा स्मरण रखना है कि उद्यम का लक्ष्य लाभ कमाना और बस लाभ कमाना ही है। जब हम लाभ कमाने के लिए व्यवसाय कर रहे हैं तो हमारी सभी गतिविधियों के केंद्र में लाभ कमाना ही रहना चाहिए।
टीम बनाना और साथ चलना – सफल उद्यमी सारे काम अकेले नहीं कर सकता है, हमेशा एक मजबूत टीम की आवश्यकता रहती है। अतः सफल उद्यमी में यह गुण होना चाहिए कि वो अपनी टीम में खुद को एक खिलाड़ी भी साबित करे और सबको साथ लेकर चले।
नेतृत्व व निर्णय क्षमता – नेतृत्व क्षमता अपने आप में कई गुणों को समाहित किए हुए है। आप किस सीमा तक दूसरों को प्रेरित व प्रभावित कर सकते हैं कि वो आपका अनुसरण करने में हिचके नहीं और आप के लक्ष्य को पाने में पूर्ण समर्पण से काम करें।
सफल उद्यमी को सबसे पहले स्वयं में कौशल विकास करना होता है। जो व्यवसाय चुना है उस दिशा में सभी संभावनाओं का परिचय तथा प्रशिक्षण लिए बिना सफलता संदिग्ध है। चुने गए क्षेत्र में कार्यरत उद्यमियों से जानकारी और निरंतर अपना मूल्यांकन जरूरी है।
केंद्र सरकार ने स्वरोजगार के लिए नया कौशल विकास व उद्यमिता मंत्रालय बनाया है और प्रधानमंत्री कौशल विकास कार्यक्रम से जुड़कर नए उद्यमी प्रशिक्षण का लाभ प्राप्त कर रहे हैं। इस योजना के तहद प्रशिक्षण पाने वाले भावी उद्यमियों को प्रोत्साहन राशि भी दी जा रही है।
कौशल विकास केंद्रों में ज्ञानी व अनुभवी प्रशिक्षक नवयुवकों में कौशल व ज्ञान को विकसित कर रहे हैं। इन केंद्रों में प्रशिक्षण के बाद सफल प्रतिभागी प्रधानमंत्री मुद्रा योजना जैसी सरकारी योजना के तहद ऋण ले सकते हैं।
भारत सरकार ने स्वरोजगार या उद्यमी विकास योजना के लिए सरकारी विभागों का एक ढांचा तैयार किया है। इस योजना का फोकस 15 – 45 आयु वर्ग के बेरोजगार युवाओं को उनकी इच्छानुसार काम के लिए कौशल विकास है और अब एक पोर्टल पर आप अपने प्रशिक्षण के लिए पंजीकरण करवा सकते हैं।
– संदीप एम खानवलकर।