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ऐ मेरे वतन के लोगों जरा आँख में भर लो पानी –  भारत रत्न लता मंगेशकर नहीं रही !

विश्व की छतीस भाषाओं के गीतों को अपना स्वर दे चुकी लता दीदी का हृदय विदारक महाप्रयाण ।

ऐ मेरे वतन के लोगों जरा आँख में भर लो पानी –  भारत रत्न लता मंगेशकर नहीं रही !
विश्व की छतीस भाषाओं के गीतों को अपना स्वर दे चुकी लता दीदी का हृदय विदारक महाप्रयाण ।

भारत की स्वर कोकिला लता मंगेशकर अब इतिहास बन गई है। आज सुर कोकिला लता मंगेशकर ने सुबह आठ बजे अंतिम सांस ली।

भारत रत्न लता जी का अंतिम संस्कार शिवाजी पार्क, मुंबई में सांय 7.17 बजे राजकीय सम्मान से किया गया।

लता मंगेशकर की आवाज़ के साथ एक परिवार की तीन – तीन पीढ़ियां परवान चढ़ी हैं। साठ से अधिक सालों तक लता दीदी की आवाज़ का जादू भारत के जन मानस में छाया रहा। 

हिंदी सिनेमा के श्याम चल चित्रों से लेकर रंगीन दुनिया में उन की आवाज़ का जादू कई सिनेमा तारिकाओं की मोहक छवि गढ़ने में सहायक रहा है। लता जी ने एक हजार से अधिक फिल्मों में अपनी आवाज़ दी है। 

लता दीदी के नाम से विख्यात भारत रत्न देश की तमाम प्रतिभाओं को प्रेरित और स्नेह देती रही हैं।  लता मंगेशकर मुंबई को जीवंत बनाने में अंतिम क्षणों तक सक्रिय और प्रेरणा स्त्रोत रही हैं।

भारत रत्न लता मंगेशकर अपनी सादगी और भारतीयता के लिए प्रभावी यादगार छवि के रूप में हमेशा याद की जाती रहेगी।
उन के गीत साठ दशकों की स्वर्णिम विरासत देश की तमाम भाषाओं में संग्रहित हुई हैं।
1929  – 2022 लता दीदी की पुण्य आत्मा को कोटि नमन !
— भूपत सिंह बिष्ट

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