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मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी अब चंपावत से विधानसभा प्रवेश करेंगे !

हाई कमान की मंजूरी के बाद दल बदल कराने के पाप से बचे - अब नए रिकार्ड बनने की उम्मीद।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी अब चंपावत से विधानसभा प्रवेश करेंगे !

हाई कमान की मंजूरी के बाद दल बदल कराने के पाप से बचे – अब नए रिकार्ड बनने की उम्मीद।

उत्तराखंड की पांचवी विधानसभा 2022 के चुनाव परिणाम कांग्रेस और बीजेपी दोनों के लिए आघात साबित हुए हैं।

उपचुनाव से मुख्यमंत्री बनने का रिकार्ड सबसे पहले कांग्रेस में नारायण दत तिवारी, फिर विजय बहुगुणा और हरीश रावत के नाम है।

बीजेपी में जनरल भुवन चंद्र खंडूडी भी उपचुनाव जीतकर मुख्यमंत्री बने थे और यह सीट कांग्रेस से लेफ्टीनेंट जनरल टीपीएस रावत ने दलबदल कर खाली की थी।

विगत 10 मार्च को घोषित परिणाम ने कांग्रेस की सरकार बनाने के सपने पर तो पूरी तरह से पानी फेर दिया – कांग्रेस गिरते पड़ते मात्र 19 विधायक ही विधानसभा तक पहुंचा पायी।

बीजेपी को भले ही प्रचंड 47 विधानसभा सीटों पर जीत मिली लेकिन मोदी – अमित शाह द्वारा चयनित मुख्यमंत्री चेहरा और पिछली विधानसभा में तीसरे मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और उन के निकट मंत्री स्वामी यतीश्वरानंद चुनाव हार गए।

कुर्सी हथियाने के दाव पैच कांग्रेस और बीजेपी दोनों दलों में अंदर खाने तक प्रभावी रहे – ये परिणाम साबित करते हैं।

बीजेपी ने नई परिपाटी बनाते हुए हारे हुए प्रत्याशी को विधानसभा का नेता चुन लिया।

लगभग यही परिस्थिति उत्तर प्रदेश में भी बनी – जहां उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य चुनाव हार गए लेकिन पार्टी ने हारे हुए प्रत्याशी को फिर से उपमुख्यमंत्री बना दिया।

उत्तराखंड राज्य में उच्च सदन विधान परिषद न होने से मुख्यमंत्री के लिए छह माह के भीतर विधानसभा में चुनाव जीतकर आना जरूरी है।

फिलहाल उत्तराखंड विधानसभा में बीजेपी के 46 विधायक, 19 कांग्रेस, 2 बहुजन समाज पार्टी, 2 निर्दलीय विधायक तथा विधानसभा अध्यक्ष श्रीमती ऋतु खंडूडी भूषण हैं।

अगर बीजेपी कांग्रेस में तोड़ फोड़ कराती तो लोकतंत्र में दल बदल के पाप का भागीदार बनती।

साथ ही बीजेपी अपने मुख्यमंत्री को ऐसी सीट से चुनाव लड़ाने का जोखिम नहीं लेना चाहती – जहां की जनता ने मोदी की जगह कांग्रेस विधायक के पक्ष में वोट किया है।

भले ही विधानसभा और पार्टी में पद ना मिलने पर कई कांग्रेसी विधायक बौराये हुए हैं और बगावत की चर्चा भी उठी है।

सरकार ना आने पर कांग्रेसी हाईकमान ने पूरी पार्टी को नए तेवर और नया नेतृत्व देकर पुराने थोकदारों को दायित्व मुक्त कर औकात बता दी है- सड़क पर संघर्ष करो या घर बैठो या बीजेपी में जाओ !

बीजेपी चंपावत विधायक कैलाश गहतोड़ी ने आज अपने मुख्यमंत्री पुष्कर सांह धामी के लिए इस्तीफा देकर सीट खाली कर दी है।

विधानसभा अध्यक्ष श्रीमती ऋतु खंडूडी भूषण ने प्रेस के सम्मुख इस्तीफा स्वीकार कर विधानसभा में एक सीट खाली होने की सूचना जारी कर दी है।

मीडिया में दस कांग्रेसी विधायकों के बागी होकर बीजेपी में शामिल होने की खबर भी प्लांट की जा रही थी।

देखना है – अब कांग्रेस के कितने विधायक अपनी सीट छोड़कर बीजेपी के पाले में सत्ता स्वाद के लिए जाते हैं।

पिछली बार बीजेपी के 57 विधायक थे और इस बार भी 47 जीतकर आये हैं और यह संख्या बहुमत से पहले ही 12 अधिक है।

अब विधानसभा से चंपावत सीट खाली होने की विधिवत सूचना चुनाव आयोग को जायेगी तथा चुनाव आयोग उपचुनाव की तिथि तय करेगा।

स्वाभाविक है कि संवैधानिक व्यवस्था के अनुरूप उपचुनाव मुख्यमंत्री के शपथ लेने से छह माह के भीतर होना है।

बीजेपी पुष्कर सिंह धामी को लेकर कोइ रिस्क उठाने को तैयार नहीं है। अन्यथा गढ़वाल मंडल में देहरादून कैंट जैसी सीट भी मुख्यमंत्री के लिए मुफीद है।
पदचिह्न टाइम्स।
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