चारधाम यात्रा – सरकार तीर्थयात्री और पर्यटक में भेद समझे !
उत्तराखंड सरकार तिरुपति के तर्ज़ पर सुविधा जुटाए , यात्री संख्या की रोक हटाये - चारधाम हितधारक महाधिवेशन।
चारधाम यात्रा – सरकार तीर्थयात्री और पर्यटक में भेद समझे !
उत्तराखंड सरकार तिरुपति के तर्ज़ पर सुविधा जुटाए , यात्री संख्या की रोक हटाये – चारधाम हितधारक महाधिवेशन।
उत्तराखंड सरकार द्वारा चारधाम व्यवस्था से नाखुश चारधाम हितधारक संस्थाओं ने
आज कैंट रोड़ के होटल में एक महाधिवेशन किया।
इस आयोजन में चारधाम होटल एसोसिएशन , चारधाम पंडा पुरोहित समाज संगठन ,
समस्त टूर ओपेरटर्स , व्यापार एसोसिएशन तथा टैक्सी – बस यूनियंस के पदाधिकारी
शामिल थे।
मौजूदा चार धाम यात्रा पंजीकरण व्यवस्था का सबने एक सुर में विरोध किया।
चारधाम हितधारक संस्थाओं का मत रहा कि सरकार माता वैष्णों देवी धाम और
तिरुपति धाम की तरह सुविधा जुटाए बाकि तीर्थ यात्रियों की संख्या पर अंकुश न लगाए।
हम चारधाम यात्रा के हितधारक विगत एक शताब्दी से इस यात्रा को सफल बना रहें हैं और
आगे भी कृत संकल्पित हैं।
केदार सभा के पदाधिकारी ने आशंका जाहिर कि केदारनाथ पुनर्निर्माण में मंदिर के
वास्तु से छेड़छाड़ हो रही है। केदारनाथ के बर्फीले मौसम में तीन मंज़िल भवनों का
निर्माण धन की बरबादी साबित होगा।
हर साल पिछले निर्माण को क्षति हो रही है। सरकार को तीर्थ यात्री और पर्यटक के
अंतर को समझाना जरुरी है।
केदारनाथ धाम की शोभा तीर्थ यात्रियों से है – जिनका कार्यक्रम कई सप्ताह पहले
तय होता है और इन यात्रियों को रजिस्ट्रेशन में उलझना ठीक नहीं है।
मुख़्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को चार धाम यात्रा को पौराणिक परम्पराओं से चलाने व
शंकराचार्य जी से मशविरा लेने के लिए ज्ञापन दिया जायेगा।
चारधाम यात्रा के मार्ग में परिवर्तन का विरोध किया जायेगा।
ड्रीम प्रोजेक्ट के नाम पर अधिकारियों की मनमानी की शिकायत प्रधानमंत्री मोदी से
की जायेगी।
चारधाम और यात्रा के पौराणिक स्वरुप को बचाने के लिए कोर्ट से लेकर सड़कों तक
विरोध दर्ज कराएंगे।
महाधिवेशन में महंत अजय पुरी, काशी विश्वनाथ मंदिर , उत्तरकाशी , अभिषेक अहलुवालिया ,
बिक्रम राणा , अशोक सेमवाल सहित तीस हितधारक संस्थाओं के प्रतिनिधि शामिल रहे।
- भूपत सिंह बिष्ट