खबरसारविविध

चीन की हिमाकत अरूणाचल प्रदेश में कई स्थानों के नाम बदले !

विदेश मंत्रालय ने 1962 के चीन युद्ध के बाद 11 जगहों के नाम बदलने पर कड़ी आपत्ति जाहिर की।

चीन की हिमाकत अरूणाचल प्रदेश में कई स्थानों के नाम बदले !
विदेश मंत्रालय ने 1962 के चीन युद्ध के बाद 11 जगहों के नाम बदलने पर कड़ी आपत्ति जाहिर की।

चीन ने फिर अपनी शरारत को अरूणाचल प्रदेश में दोहराया है।
हमारे अरूणाचल प्रदेश के दर्जन भर क्षेत्रों को अपना बताकर अपने नक्शे में नए नाम

घोषित कर दिए हैं।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने बयान जारी किया है कि चीन ऐसी कूटनीतिक शरारतें पिछले दशक

से करता आ रहा हैं।

चीन के नए नाम गढ़ने से अरुणाचल प्रदेश के वर्तमान और भविष्य में कोई भी

अंतर आने वाला नहीं है।

चीन लगातार अरूणाचल प्रदेश को अपना क्षेत्र बताने की हिमाकत करता रहता है।
अब तक हमारे 15 क्षेत्रों के नाम बदलकर विश्व समुदाय को गुमराह कर रहा है।

1962 युद्ध के बाद भारत और चीन की सेनायें अपने क्षेत्र की रक्षा में मुस्तैद हैं।
सारा विवाद लाईन आफ एक्चुअल कंट्रोल को लेकर है।

अरूणाचल में भारत के संविधान अनुरूप लोकतांत्रिक सरकार का गठन है और कहीं भी

कोई स्थानीय विवाद नहीं है।

CM ARUNACHAL PEMA KHANDU

दिसंबर 2022 में अरूणाचल के त्वांग सेक्टर में भारत और चीन की सेना में झड़प हो चुकी है।

अक्टूबर 2021 में भारतीय सेना ने चीन की पीएलए की टुकड़ी को अपनी सीमा में

घुसपैठ करने पर बंदी बना लिया था।

अरूणाचल से सटे भूटान देश में चीन ने अपनी हलचल बढ़ायी है।
2018 के डोकलाम विवाद के बाद अचानक भूटान के सुर चीन के पक्ष में बदल रहे हैं।

भूटान के प्रधानमंत्री लोटे श्रेरिंग ने चीन के पक्ष में बयान दिया है।
कांग्रेस का आरोप है कि प्रधानमंत्री ने जून 2020 में चीन को गलत क्लीन चिट दी है और आज भारत का

20 हजार किमी क्षेत्र पर चीन गलत नजरें गड़ाये है।

लद्दाख सीमा पर 15 जून 2020 को ग्लवान क्षेत्र में चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के साथ

 

सेना की घातक संघर्ष हो चुका है और भारतीय सेना ने चीन को मुंहतोड़ जवाब दिया।
फिर भी चीन अपनी विस्तारवादी नीतियों को लेकर संघर्ष पर आमादा है।
पद चिह्न टाइम्स।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
error: Content is protected !!