छठ पूजा के बाद अब इगास बग्वाल का सरकारी अवकाश !
मुख्यमंत्री धामी ने सामाजिक समावेश में त्रिवेंद्र पर बढ़त बनायी।
छठ पूजा के बाद अब इगास बग्वाल का सरकारी अवकाश !
मुख्यमंत्री धामी ने सामाजिक समावेश में त्रिवेंद्र पर बढ़त बनायी।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इगास बग्वाल पर सरकारी अवकाश (15 नवंबर को) घोषित कर उत्तराखंड लोकसंस्कृति के प्रति अपनी आस्था का गहरा अहसास दिया है।
पूर्ववर्ती त्रिवेंद्र सरकार ने अपने कुछ अधिकारियों को खुश करने के लिए उत्तराखंड में छठ पूजा अवकाश की नई परिपाटी बनायी क्योंकि हिमालयी राज्य उत्तराखंड सरकार में छठ पूजा मनाने वाली महिला कर्मचारियों की संख्या नगण्य है।
नागरिकों को सुविधा तथा विकास में तेज गति हेतु सरकारी कार्यालय 365 दिनों में अधिक से अधिक खोलने के सुझाव दशकों से पैंडिंग हैं।
मुख्यमंत्री धामी ने भी इस बार छठ पूजा पर अवकाश की परंपरा को आगे बढ़ाया। त्रिवेंद्र सरकार की छठ पूजा पर सार्वजनिक अवकाश के लिए काफी आलोचना हुई है क्योंकि उनके कार्यकाल में पहाड़ के लोकपर्व इगास बग्वाल की अनदेखी की गई।
अब धामी सरकार ने सामूहिक समरसता का परिचय देकर लोकपर्व इगास पर सरकारी छुट्टी की घोषणा कर अपना सामाजिक दायरा विस्तृत कर लिया है।
दीवाली के ग्यारह दिन बाद उत्तराखंड में इगास बग्वाल का त्यौहार मनाने की परंपरा है। इस बूढ़ी दीवाली के दिन गोवंश पूजा , दीए जलाने और चीड़ की लकड़ी से भैलू बनाकर खेलने को शुभ माना जाता है।
बिहार का पर्व छठ माता पूजा दीवाली के चार दिन बाद आयोजित होती है और तीन दिन चलने वाले उत्सव में गंगा तट, नदियों के घाट और नहरों पर बिहारी महिलायें धार्मिक अनुष्ठान करती हैं।
देहरादून की नहरों को पाइप के अंदर बंद करने से छठ पूजा के श्रद्धालुओं को भारी असुविधा हो रही है। सैकड़ों की संख्या में वाहन छठ पूजा के लिए नदी और नहर के नए – नए क्षेत्र ढूंडने के लिए भटकते फिरते हैं।
इस वर्ष छठ पूजा के लिए निकले टैंपू और पब्लिक कैरियर वाहनों ने सड़कों पर अव्यवस्था व जाम के दृश्य बनायें। कई पब्लिक वाहनों की छत पर बैठे लोग दुर्घटना को खुला आमंत्रण दे रहे थे। इन वाहनों में डीजे के शोर में नाचते – गाते किशोर काफी लापरवाह नज़र आए।
अगले साल पुलिस को छठ पूजा में ट्रैफिक बंदोबस्त के लिए राजधानी, ऋषिकेश, कोटद्वार और अन्य मैदानी नगरों में सक्रिय रहना होगा और छठ पूजा के बाद सफाई बजट की व्यवस्था बसंत विहार जैसे वीआईपी क्षेत्र में मुहैया कराने जरूरी हैं।
पदचिह्न टाइम्स।