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मुख्यमंत्री धामी ने भी  सिफारशी लोगों को तुरंत दिखाया बाहर का रास्ता !

अब कुर्सी पर बैठे नियम विरूद्ध नियुक्तियों के संयोजक पर गाज गिरना बाकि है।

मुख्यमंत्री धामी ने भी  सिफारशी लोगों को तुरंत दिखाया बाहर का रास्ता !

अब कुर्सी पर बैठे नियम विरूद्ध नियुक्तियों के संयोजक पर गाज गिरना बाकि है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने विधानसभा अध्यक्ष द्वारा भर्तियों को निरस्त करने के प्रस्ताव को अनुमोदित कर दिया है।

अब सिफारिशी भर्तियों में नेता, अधिकारी, पत्रकार और जुगाड़ओं के परिजन विधानसभा सचिवालय से बाहर हो गए हैं।

उत्तराखंड विधान सभा अध्यक्ष ऋतु खंडूडी भूषण ने बीस दिन के भीतर सिफारिशी भर्तियों पर कड़ा प्रहार कर के अपनी नेतृत्व और निर्णय क्षमता का परिचय दिया है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी बिना विलंब नियम विरूद्ध नियुक्तियों को रद्द करने के अनुमोदन को स्वीकृति प्रदान कर विपक्ष के हाथों से मुद्दा छीन लिया है।

युवाओं के लिए विधान सभा सचिवालय में अब नये सिरे से पारदर्शी नियुक्तियों के अवसर खुलने हैं।

ऐसे मंत्रियों से मुख्यमंत्री धामी अब छुटकारा पाना चाहेंगे – जिन की लापरवाही से बीजेपी को बैकफुट पर आना पड़ा है।

अचानक शांत उत्तराखंड में युवाओं ने भर्ती घोटाले के खिलाफ सीबीआई जांच की मांग उठाकर पूरे देश में उत्तराखंड की तदर्थ भर्ती और भर्ती परीक्षा में नकल मामले सार्वजनिक हो गए।

बीजेपी सरकार की भ्रष्टाचार विरोधी जीरो टालरेंस का उपहास बनाये जाने लगा।

स्पीकर ऋतु खंडूडी के निर्णय से बौखलाये कांग्रेसी नेता कुंजवाल के समर्थन में भौंतरे तर्क दे रहे हैं।

जांच सीबीआई को तब सौंपी जाती जब कोई बैकडोर भर्ती का लाभार्थी बचाया जा रहा होता।  यहां तो एक झटके में 2011 से अब तक की सारी तदर्थ नियुक्तियां निरस्त कर दी गई हैं।

2011 से पहले की नियुक्तियों के बावत भी कानूनी मशविरा लिया जा रहा है।

उत्तराखंड सूचना एवं जनसंपर्क विभाग ने सोशल मीडिया पर बताया – मुख्यमंत्री धामी ने विधानसभा सचिवालय की तदर्थ नियुक्तियां रद्द करने के अनुमोदन प्रस्ताव को अपनी स्वीकृति दे दी है।

अब कांग्रेस को शिक्षा और सहकारिता विभाग की नियम विरूद्ध भर्तियों पर आंदोलन करना पड़ेगा।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने महिला आरक्षण को यथावत रखने के लिए सर्वोच्च न्यायालय में एसएलपी दायर करने की स्वीकृति दी है।
ये बड़ा निर्णय उत्तराखंड राज्य आंदोलन में सक्रिय मातृ शक्ति को राहत देने वाला है।

साथ ही मुख्यमंत्री ने महिला आरक्षण बनाए रखने के लिये अध्यादेश की तैयारी के भी निर्देश दिये हैं।
पदचिह्न टाइम्स।

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