कब होगी नकल माफिया के खिलाफ सीबीआई जांच घोषणा !
अरूणाचल मुख्यमंत्री पेमा खांडू ने अपने लोक सेवा आयोग परीक्षा नकल मामला सीबीआई को सौंपा।
कब होगी नकल माफिया के खिलाफ सीबीआई जांच घोषणा !
अरूणाचल मुख्यमंत्री पेमा खांडू ने अपने लोक सेवा आयोग परीक्षा नकल मामला सीबीआई को सौंपा।
उत्तराखंड मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा है – परीक्षा कलैंडर निपट जाने के बाद नकल गिरोह के खिलाफ
सीबीआई जांच करा सकते हैं।
मुख्यमंत्री धामी का मानना है कि अभी सीबीआई जांच आदेश करने से परीक्षा कलैंडर बाधित हो सकता है और
तब रोजगार परीक्षायें टलने से युवाओं का और ज्यादा नुक्सान होगा।
अरूणाचल की बीजेपी सरकार के मुख्यमंत्री पेमा खांडू का कहना है – लोक सेवा आयोग स्वायत्त संस्था है।
परीक्षा पेपर आउट होने का मामला और आयोग की भूमिका पर जांच सीबीआई और बेहतर ढंग से करेगी।
पूरे आयोग का गठन अब नए सिरे से पूरे एतिहाद से होगा ताकि आगे सरकार को शर्मिंदगी न उठानी पड़े।
उल्लेखनीय है कि पूरे देश में नकल माफिया अब रोजगार परीक्षाओं के पेपर आउट कराने के धंधे में मशगूल हैं।
नकल धंधे से करोड़ों के वारे न्यारे करने की फिराक में सरकार पर युवाओं और परिजनों का विश्वास हिला है।
उत्तराखंड के अलावा उत्तर प्रदेश, हिमाचल, अरूणाचल, मध्य प्रदेश आदि राज्यों में निरंतर नकल मामले उठने से
पुलिस और सतर्कता विभाग की भारी किरकिरी हुई है।
उत्तराखंड अधीनस्थ चयन आयोग के एक अध्यक्ष जेल में हैं और दूसरे इस्तीफा देकर हटे हैं।
चयन आयोग से परीक्षायें न कराकर लोक सेवा आयोग को परीक्षा कलैंडर बनाकर भर्ती परीक्षा का
दायित्व दिया गया।
इस बार उत्तराखंड लोक सेवा आयोग का दायित्व ईमानदार, कड़क और तेजतर्रार आईएएस अधिकारी
डा राकेश कुमार के पास है।
पहली परीक्षा में पुलिस ने लोकसेवा आयोग के सहायक सचिव और उसकी पत्नी को पैसों के साथ गिरफ्तार करने
में सफलता हासिल की है।
उत्तराखंड की दोनों प्रमुख भर्ती संस्थाओं की बारीकी से जांच कराने के लिए और आगे फुलप्रुफ परीक्षा प्रणाली
बनाने के लिए मुख्यमंत्री धामी को सीबीआई जांच के आदेश तो देर सबेर करने हैं।
ताकि सरकार की प्रतिष्ठा का कुछ गिरोह बंद और ठेस न लगायें।
सरकार ने भर्ती परीक्षाओं में नकल कराने वालों के खिलाफ कठोर कानून अध्यादेश द्वारा लागू भी किया है।
दस साल सजा, भारी आर्थिक जुर्माना और परीक्षाओं से डीबार करने की सजा पूरे देश के लिए नजीर बन रही है।
फिर भी भर्ती परीक्षाओं के पेपर आउट कराकर कुछ गिरोह बंद देश की सरकारों को चुनौती दे रहे हैं।
फलस्वरूप बेरोजगार युवाओं का ऊबाल सड़कों पर पुलिस से टकराव करने पर आमादा है।
रोजगार की तैयारी करा रहे परिजनों में भी एक अविश्वास का माहौल बना है और इसे शांत करने के लिए
केंद्र की एजैंसी की जांच प्रदेश के लिए कई मायनों में सहायक ही रहेगी।
– भूपत सिंह बिष्ट