धामी सरकार का एक साल पूरा आगे पग – पग में चुनौतियां बरकरार !
नकल माफिया के खिलाफ कानून पास अब यूनिवर्सल कोड बिल की तैयारी पर
28 हजार भर्तियां भी लंबित।
उत्तराखंड के युवा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के मंत्रीमंडल ने अपना पहला साल पूरा कर लिया है।
चौथी विधानसभा में तीसरे मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने वाले धामी को पांचवी विधानसभा में भी
धाकड़ पारी खेलने का दुबारा अवसर मिला है।
पहली बार मुख्यमंत्री बनने पर घोषित 28 हजार खाली पदों को तय समय सीमा में
भरा नहीं जा सका है।
रद्द भर्ती परीक्षाओं की सीबीआई जांच को लेकर कांग्रेसी विपक्ष व उत्तराखंड बेरोजगार संघ
मुहिम छेड़े हुए है।
मुख्यमंत्री धामी ने देश में पहला भर्ती परीक्षाओं में नकल विरोधी माफिया के खिलाफ
सख्त कानून विधानसभा से पास करा लिया है और यूनिवर्सल सिविल कोड की तैयारी है।
जोशीमठ आपदा और अप्रैल में चारधाम यात्रा को सुगम बनाने की तत्काल चुनौती है।
पूर्व मुख्यमंत्री और राज्यपाल भगत सिंह कोशियारी के उत्तराखंड लौटने के बाद अनेक कयास उठे हैं।
उत्तराखंड की राजनीति अब किस करवट बैठती है।
कांग्रेसी मूल के नेताओं की बीजेपी राज में महता बनी हुई है लेकिन कई चुनावी राज्यों में ये नेता
बीजेपी छोड़कर अब कांग्रेस में लौटने लगे हैं।
सौ से अधिक लाल बत्तियां दर्जाधारी राज्यमंत्री पद वरिष्ठ कार्यकर्ताओं के बीच बांटने की चुनौती
पिछले दो साल से लंबित है।
निकाय चुनावों के बाद अगले साल लोकसभा चुनाव की परीक्षा भी सिर पर है।
विधानसभा सिफारिशी भर्तियों में मुख्यमंत्री धामी के एक मंत्री शामिल रहे हैं और
जीरो टालरैंस को लेकर कांग्रेस मुखर है।
भले ही उनके कार्यकाल की नियुक्तियों को बाहर कर दिया गया है और संघ को अपने
पदाधिकारियों को भी हटाना पड़ा।
अगली चुनौती प्रशासनिक क्षमताओं को लेकर विधानसभा अध्यक्ष श्रीमती ऋतु खंडूडी भूषण की ओर से
उठ रही हैं।
पूर्व मुख्यमंत्री कड़क जनरल खंडूडी की बेटी ऋतु खंडूडी के पति मोदी सरकार में बड़े सचिव पद पर तैनात हैं।
– भूपत सिंह बिष्ट