कर्नाटक चुनाव के लिए बेताब हो रही है कांग्रेस पार्टी !
चुनाव आयोग से आचार संहिता लागू कराने के लिए दस्तक देगी।
दक्षिण भारत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय मंत्रियों की धमक ने कांग्रेस को बेचैन कर दिया है।
कांग्रेस चाहती है कि चुनाव आयोग तुरंत चुनाव की घोषणा कर आचार संहिता लागू करे।
कर्नाटक चुनाव अब 2024 में कांग्रेस पार्टी का भविष्य तय करेगा।
कांग्रेस राष्ट्रीयाध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़से अपने गृह राज्य में कांग्रेस सरकार बनाने का हसीन सपना देख रहे हैं।
कर्नाटक में बीजेपी पर 40 प्रसेंट वाली सरकार चलाने के आरोप लगे हैं।
पिछले दिनों बीजेपी विधायक के घर से लोक आयुक्त पुलिस ने करोड़ो रूपये की नगदी और बेटे को
लाखों की घूस लेते पकड़ा है।
कांग्रेस का मानना है – बीजेपी सरकार की असफलतायें और नेतृत्व अभाव में अब पराजय के कगार पर है।
लिंगायत समाज के 17 फीसदी मत इस बार पूर्व मुख्यमंत्री बीएस यदुरप्पा को अपमानपूर्वक हटाने से नाराज लगते हैं।
वोकालिंगा समाज के 14 फीसदी मतों को कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष डीके शिवकुमार प्रभावित करने में सफल रहेंगे।
अल्पसंख्यकों के 17 फीसदी मतों पर भी कांग्रेस को बड़ा हिस्सा मिल सकता है।
कांग्रेस के 75 वर्षीय पूर्व मुख्यमंत्री सिदारमैय्या अपने पिछड़े वर्ग अहिंदा पिछड़े समाज के बड़े नेता हैं।
सिदारमैय्या अपनी कुरूबा जाति समाज 10 प्रतिशत की बदौलत दुबारा मुख्यमंत्री बनना चाहते हैं।
कर्नाटक में देवगोड़ा की जेडी एस चुनाव को त्रिकोणीय बना रही है।
वोट विभाजन में बीजेपी हमेशा सीधे लाभ की स्थिति में रहती है।
कर्नाटक नामकरण 01 नवंबर 1973 में किया गया। 1956 में मैसूर राज्य के रूप में इसकी स्थापना हुई थी।
आज कर्नाटक में 28 लोकसभा , 224 विधानसभा सीटें 31 जिलों में फैली हैं।
पिछले पांच सालों में कर्नाटक ने दो बीजेपी और एक जेडीएस का मुख्यमंत्री देखा है।
कर्नाटक चुनाव की संभावित तारीख अप्रैल – मई मानी जा रही है।
हिमाचल में फतेह करने के बाद कर्नाटक में कांग्रेस बहुमत से सरकार बनाने के लिए कमर कसे हुए है।
भारत जोड़ो यात्रा के बाद, कर्नाटक में प्रजा ध्वनि यात्रा, गृह लक्ष्मी, गृह ज्योति, 10 किलो चावल,
200 यूनिट बिजली, मंगलौर में एक लाख रोजगार वाला आईटी और वस्त्र हब का वादा
कांग्रेस की गारंटी है।
समाज विघटन, मंहगाई तथा 40 परसेंट कट से मुक्ति का दावा भी गूंज रहा है।
कांग्रेस नेता अपने पक्ष में हवा नहीं आंधी चलने और 140 सीट जीतने का दंभ भर रहे हैं।
बीजेपी अपने अजेय नेता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भरोसे कर्नाटक में दुबारा सरकार बनाने का प्रयास कर रही है।
कर्नाटक में 80 वर्षीय पूर्व मुख्यमंत्री बीएस यदुरप्पा को दुबारा बीजेपी ने अपने पक्ष में सक्रिय किया है।
हिंदू – मुस्लिम वोटों का ध्रुवीकरण भी चुनाव परिणामों को प्रभावित करेगा।
पिछले चुनाव में बीजेपी पूर्ण बहुमत से पीछे रही थी।
मई 1918 विधानसभा चुनाव में बीजेपी को 104 , कांग्रेस 78 तथा जेडी एस 37 पर सफल हुई।
मुख्यमंत्री एच डी कुमारस्वामी की जेडीएस – कांग्रेस सरकार विधायकों के दल बदलने से 15 माह में टूट गई।
जुलाई 2019 में बीएस यदुरप्पा बीजेपी सरकार बनाने में कामयाब हो गए।
फिर बीजेपी ने जुलाई 2021 में यदुरप्पा को हटाकर बासवराज बोमई को मुख्यमंत्री बनाया है।
– भूपत सिंह बिष्ट