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उत्तराखंड में मुस्लिम यूनिवर्सिटी मांगने वाले अकिल अहमद की कांग्रेस से छुट्टी !

कांग्रेस की चुनावी नैया डुबोने के लिए आज तक मुस्लिम युनिवर्सिटी का आलाप जारी।

उत्तराखंड में मुस्लिम यूनिवर्सिटी मांगने वाले अकिल अहमद की कांग्रेस से छुट्टी !

कांग्रेस की चुनावी नैया डुबोने के लिए आज तक मुस्लिम युनिवर्सिटी का आलाप जारी।

उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने बयान जारी कर मुस्लिम यूनिवर्सिटी के दीवाने अकील अहमद को आखिरकार पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया।

आज जारी प्रदेश महासचिव संगठन मथुरा दत्त जोशी ने अकील अहमद को छह साल के लिए कांग्रेस से निष्कासित किया है।

अकील पर आरोप है कि अकील ने विधानसभा चुनाव के दौरान इलैक्ट्रानिक और सोशल मीडिया में देवभूमि उत्तराखंड में मुस्लिम युनिवर्सिटी का राग छेड़ दिया।

अलीगढ़ मुस्लिम युनिवर्सिटी के बावजूद अकील अहमद उत्तराखंड में भी मुस्लिम युनिवर्सिटी की मांग आज तक करते चले जा रहे हैं। उन का दावा है कि कांग्रेस ने उन्हें निर्दलीय चुनाव लड़ने से रोका और पार्टी ज्वाइन करायी।

अब वो हरिद्वार से चुनाव लड़ना चाहते हैं। उल्लेखनीय है कि मुस्लिम बच्चों के लिए उच्च शिक्षा के लिए अलीगढ़ और दिल्ली में पहले से विश्व विद्यालय काम कर रहे हैं।

अकील अहमद की बेजा मांग ने बीजेपी के पक्ष में वोटों का ध्रुवीकरण किया और कांग्रेस के वोट बैंक से भावुक वोटर छिटक गया।
इस बार तीन मुस्लिम विधायक हरिद्वार जनपद से जीतकर विधानसभा पहुंचे हैं लेकिन बसपा और कांग्रेस के इन निर्वाचित विधायकों ने मुस्लिम तुष्टिकरण से खुद को परे रखा है।

अकील अहमद के प्रोपेगैंडा से कांग्रेस के आर्यन शर्मा सहसपुर सीट पर और नवप्रभात विकासनगर में सीधे ध्रुवीकरण की चपेट में आकर अपना चुनाव हार गए।

अकील अहमद जैसी मानसिकता ने बीजेपी के आरोपों को पुख्ता किया कि कांग्रेस अंदरखाने अल्पसंख्यकों का तुष्टिकरण के लिए विश्व विद्यालय खोलना चाहती है।

विधानसभा चुनाव में हार के बाद उत्तराखंड कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष इस्तीफा दे चुके हैं लेकिन प्रदेश महासचिव संगठन पद पर बने हुए हैं और निष्कासन के पत्र जारी कर रहे हैं।
पदचिह्न टाइम्स।

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