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महाराष्ट्र शिव सेना विधायकों की अयोग्यता मामले पर सुप्रीम कोर्ट की संविधान बैंच लेगी फैसला।

11 जुलाई की कार्रवाई में सुप्रीम कोर्ट ने उद्धव ठाकरे समर्थक विधायकों के विरूद्ध अयोग्यता प्रस्ताव पर अस्थायी रोक।

महाराष्ट्र शिव सेना विधायकों की अयोग्यता मामले पर सुप्रीम कोर्ट की संविधान बैंच लेगी फैसला।

11 जुलाई की कार्रवाई में सुप्रीम कोर्ट ने उद्धव ठाकरे समर्थक विधायकों के विरूद्ध अयोग्यता प्रस्ताव पर अस्थायी रोक।

सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र में सरकार बदलाव के बीच अपने पूर्व फैसले की अनदेखी पर अब  संविधान पीठ बनाने को कहा है।

CHIEF JUSTICE CV RAMAN

सुप्रीम कोर्ट की अवकाश पीठ ने एकनाथ सिंदे समर्थक विधायकों की अयोग्यता मामले की सुनवायी पर स्थगन देकर  पहले नई तारीख 11 जुलाई तय की थी।

इस बीच राज्यपाल ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को बहुमत साबित करने का फरमान सुना दिया।

शिवसेना अपने विद्रोहियों को थामने के लिए 16 विधायकों के खिलाफ दल बदल कानून के अनुसार अयोग्यता प्रस्ताव लेकर आयी।

 


इन विधायकों ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया और उन्हें फौरी राहत मिल गई।राज्यपाल ने सुप्रीम कोर्ट में चल रहे बागी शिवसेना विधायकों के मामले का संज्ञान न लेकर विधानसभा में मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को विश्वास मत साबित करने का आदेश दिया।

उद्धव ठाकरे ने बहुमत प्रस्ताव आने से पहले इस्तीफा देकर एकनाथ सिंदे और बीजेपी सरकार का मार्ग प्रशस्त कर दिया।

सब यही कयास लगा रहे थे कि पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णनवीस एक बार फिर मुख्यमंत्री बनेंगे लेकिन बीजेपी हाईकमान ने भारी फेरबदल करते हुए शिवसेना के बागी एकनाथ सिंदे को मुख्यमंत्री और देवेंद्र फड़णनवीस को उपमुख्यमंत्री पद पर बैठा दिया।

आज सुप्रीम कोर्ट की कार्रवाई पर सब की नज़रें गड़ी थी – वरिष्ठ वकील और राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल ने शिवसेना ठाकरे का पक्ष रखा।

कपिल सिब्बल ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अनदेखी कर महाराष्ट्र में दलबदल से नई सरकार, विधानसभा अध्यक्ष का चुनाव और राज्यपाल की भूमिका पर संवैधानिक एतराज उठाया है।

मुख्य न्यायाधीश एनवी रमण, न्यायाधीश कृष्ण मुरारी और न्यायाधीश हिमा कोहली की बैंच ने महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष को निर्देशित किया – जब तक सुप्रीम कोर्ट में मामले को तय नहीं किया जाता किसी भी विधायक के खिलाफ अयोग्यता की कार्रवाई ना की जाए।

नई सरकार के बहुमत हासिल करने के बाद एकनाथ सिंदे गुट ने उद्धव ठाकरे समर्थक शिवसेना विधायकों को विह्प का पालन ना करने पर नोटिस जारी किया है।

महाराष्ट्र विधानसभा में शिवसेना के दोनों गुट एक दूसरे के खिलाफ दलबदल की कार्यवाही करने के लिए अलग – अलख विह्प जारी किए हुए हैं।

आशंका जाहिर की जा रही है – शिवसेना में अगली तोड़फोड़ लोकसभा सांसदों की होनी है और एक बड़ा गुट उद्धव ठाकरे से बगावत करने पर उतारू हो गया है।

सुप्रीम कोर्ट ने 27 जून को अयोग्यता कार्रवाई पर रोक लगाकर उद्धव ठाकरे सरकार के हाथ बांध दिए थे।  दूसरी ओर 3 व 4 जुलाई को महाराष्ट्र विधानसभा में नए स्पीकर और नई सरकार का गठन हो गया।

अब सुप्रीम कोर्ट दलबदल सहित सभी शिकायतों पर संवैधानिक पीठ गठित कर सुनवायी करेगा।  फिलहाल ठाकरे गुट के विधायक अयोग्यता कार्रवाई से बचे हुए हैं।
पदचिह्न टाइम्स।

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