क्रिप्टो करेंसी का मायाजाल !
युवाओं को ठगने के लिए गैरकानूनी एप सक्रिय और अमिताभ की अपील ।
क्रिप्टो करेंसी का मायाजाल !
युवाओं को ठगने के लिए गैरकानूनी एप सक्रिय और अमिताभ की अपील ।
काफी समय से क्रिप्टो करेंसी में निवेश के नाम पर भोले निवेशकों और युवाओं के बीच एक मायाजाल बिछाया जा रहा है। क्रिप्टो करेंसी लीगल नहीं है लेकिन सरकार ने इस कारोबार को रोकने के लिए प्रभावी कदम नहीं उठाए हैं।
एक बार रिजर्व बैंक ने क्रिप्टो करेंसी के धंधे में इंवेस्टमेंट पर रोक लगाने के लिए बैंकों पर ट्रांजेक्शन रोकने के 2018 में आदेश जारी किए थे। इस के खिलाफ क्रिप्टो करेंसी के खिलाड़ी 2020 में सुप्रीम कोर्ट से रोक हटाने का आदेश ले आए।
भले ही सरकार क्रिप्टो करेंसी को वैधानिक करार नहीं देती लेकिन इस वर्चुएल करेंसी के धंधे में डूबते – लुटते युवाओं को बचाने के लिए अभी तक कानून बनाने में असफल है।
2009 से क्रिप्टो करेंसी का धंधा कंप्यूटर की दुनिया में चल रहा है और इस के गैर कानूनी एक्सचेंज दावा करते हैं कि क्रिप्टो करेंसी का धंधा मजबूत होकर 200 लाख करोड़ को पार कर गया है।
भारत में दावा किया जा रहा है कि 10 करोड़ लोग इस गैर कानूनी धंधे से जुड़ गए हैं। संभावना जतायी जा रही है कि इस शीतकालीन संसद सत्र में क्रिप्टो करेंसी के धंधे पर कानून सरकार ला सकती है।
फिलहाल सोशल मीडिया में अमिताभ के एक इंटरव्यू को प्रचारित किया जा रहा है कि रातों रात अमीर बनने के लिए क्रिप्टो करेंसी एक सफल और अदभुत निवेश अवसर है।
भारत और विश्व के बैंक क्रिप्टो करेंसी से भयभीत होकर अपनी दुकान बंद होने की संभावना के चलते इस वर्चुएल करेंसी का विरोध करते हैं।
वर्चुएल करेंसी के उतार – चढ़ाव के क्या कारण हैं या इस में निवेश करने या बाहर निकलने के लिए बैंक के अलावा क्या विकल्प हैं – कोई धंधे की पोल खोलने को तैयार नहीं है।
यूपीआई, वर्चुएल वैलेट के जरिए फर्जी क्रिप्टो एक्सचेंज पैसा जुटा रहे हैं और कंप्यूटर पर करेंसी के उतार – चढ़ाव दिखाकर युवाओं को ठग रहे हैं।
क्रिप्टो करेंसी के नाम पर बिट क्वाइन सबसे लोकप्रिय क्रिप्टो करेंसी है इस के अलावा इथीरियम जैसी दर्जन भर वर्चुएल करेंसी में निरंतर करोड़ों का सट्टा आर्थिक एजैंसियों की नाक के नीचे चल रहा है।
कोई भी निवेशक बिट क्वाइन या क्रिप्टो करेंसी से कमाया धन वापस बैंक खाते में लाने को विवश है और इस बेनामी इनकम को आयकर या सीबीडीटी से छुपाना नामुमकिन हैं फिर भी सोशल मीडिया में आधी – अधूरी जानकारी से क्रिप्टो करेंसी का धंधा फल -फूल रहा है।
सरकारी रेगुलेशन ना होने से कभी भी यह फर्जी क्रिप्टो करेंसी के एक्सचेंज भोले निवेशकों का अरबो रूपये लेकर गायब हो सकते हैं और करोड़ो निवेशक सरकारी एजैंसियों की लापरवाही से जीवन भर की पूंजी सिने सितारों के प्रचार में फंसकर लुटा सकते हैं।
— भूपत सिंह बिष्ट