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देहरादून के नगरपिता समाजसेवक दीनानाथ सलूजा जी नहीं रहे !

देहरादून के नगरपिता समाजसेवक दीनानाथ सलूजा जी नहीं रहे !

प्रमुख समाज सेवी, साहित्य और मीडिया के संरक्षक देहरादून की सांस्कृतिक गतिविधियों के सूत्रधार सलूजा जी गोलोकवासी हो गए।

देहरादून शहर की प्रमुख हस्ती समाजसेवक दीनानाथ सलूजा जी का हमें छोड़ जाना मन में कसक ला रहा है।

नगर पालिका अध्यक्ष व लायंस क्लब पदाधिकारी , देहरादून में कवि सम्मेलन, मुशायरा, साहित्यकारों का सम्मान और दीन – हीन की मदद के लिए हमेशा तत्पर दीनानाथ जी प्रचार से हमेशा दूर रहे।

मेरा परिचय सीधा कम रहा मगर गाहे – बगाहे मैं उन्हें करीब से महसूस करता रहा हूं।

मिशन स्कूल में नवीं कक्षा के जमाने से तो हम नियमित नैशनल न्यूज एजैंसी पलटन बाजार जाया करते हैं। तब रंगीन पत्रिकाओं को पलटना और उस की सामग्री को झलक में समेटना एक उन्माद सा रहता।

अखबारों की खबर को नज़रों से चाट जाना और दिल्ली – बंबई से प्रकाशित साहित्यिक पत्रिकाओं को खरीदने के पैसे होते नहीं थे लेकिन हमारी किशोर वय अभिरूचि को दीनानाथ जी के रहते हमेशा प्रोत्साहन मिला।

सुबह दिल्ली से आए अखबारों में अपनी छपी खबर ढूंडने के लिए देहरादून के खास पत्रकार नैशनल न्यूज एजैंसी में मिल जाया करते थे।
दीनानाथ जी एक संपादक की तरह इन पत्रकारों के साथ चर्चा करते – चाय नाश्ता कराते और यह क्रम देखते – देखते हम कब कालेज पहुंच गए।

फिर नौकरी भी लग गई लेकिन दीनानाथ सलूजा जी की दिनचर्या बनी रही।

स्वर्गीय डा गिरिजा शंकर त्रिवेदी और अन्य साहित्यजनों को दीनानाथ जी के सानिध्य में देखा जा सकता था।

वहीं देहरादून में कवि सम्मेलन और साहित्य आयोजनों की रूपरेखा में दीनानाथ सलूजा जी अपना आर्थिक सहयोग करते।

एमएससी कक्षा में मैं अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद का नगरमंत्री रहा और मान्य गोविंदाचार्य जी हमारे राष्ट्रीय संगठन मंत्री होते थे – हमें अम्बेडकर जयंती मनाने का निर्देश मिला।

शहर की प्रमुख हरिजन बस्ती में हम ने स्वास्थ्य शिविर का आयोजन और एक छोटा पुस्तकालय भेंट करने की योजना बनायी।
मेरा पहला सीधा संवाद दीनानाथ सलूजा जी से सहयोग पाने के लिए हुआ – उन्हें लगा हम धन एकत्र कर रहे हैं।

हम ने अमर चित्र कथा पत्रिकायें और कुछ किताबों में छूट का अनुरोध किया और उन्होंने बड़ी खुशी से हमें तीस चालीस पत्रिकायें दान में दी।

प्रख्यात संपादक एवं कहानीकार कमलेश्वर की स्मृति में  लायंस क्लब शिवालिक कहानी प्रतियोगिता का आयोजन किया। लायंस क्लब सामान्यता शहर के धनाडय वर्ग की रूचि के आयोजन करता है लेकिन दीनानाथ जी जब भी इन संस्थाओं के पदाधिकारी बने देहरादून शहर ने सांस्कृतिक और सामाजिक आयोजनों के नए अध्याय जोड़े।

मुझे भी इस कहानी प्रतियोगिता में तत्काल पेट्रोलियम मिनिस्टर ब्रह्मदत जी के हाथों एक हजार का चैक मिला।
ऐसे दीनानाथ सलूजा जी ने देहरादून के किशोर और युवाओं को साहित्य, संस्कृति और खेलकूद की दिशा देकर नगरपिता की भूमिका निभायी।
– भूपत सिंह बिष्ट

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