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स्मार्ट सिटी मार्डन लाइब्रेरी भवन निर्माण अब अगस्त तक खिंचा !

12.33 करोड़ का भवन गत वर्ष नवंबर 2021 में पूरा होना था लेकिन निर्माण की मंथर गति हर जगह ।

स्मार्ट सिटी मार्डन लाइब्रेरी भवन निर्माण अब अगस्त तक खिंचा !

12.33 करोड़ का भवन गत वर्ष नवंबर 2021 में पूरा होना था लेकिन निर्माण की मंथर गति हर जगह ।

 

देहरादून स्मार्ट सिटी का बहुपयोगी मार्डन दून लाइब्रेरी भवन परेड ग्रांउड में निर्माणाधीन हैं और निर्माण की गति हिचकोले खाते हुए गतिमान हैं।

शहर की पहचान साबित होने वाली इस परियोजना को पूरा होने में अनावश्यक विलंब छह माह हो चुका है। अपूर्ण भवन को पूरा होने में अभी अगस्त माह तक समय लगने की चर्चायें हैं।

उल्लेखनीय है कि जुलाई – अगस्त में मानसून बारिश के चलते निर्माण कार्य होना असंभव है।

देहरादून स्मार्ट सिटी लिमिटेड ने शहर के लिए बहुपयोगी मार्डन लाइब्रेरी भवन का निर्माण 15 नवंबर 2019 को शुरू किया।

आधुनिक सुविधाओं से सज्जित भवन 15 नवंबर 2021 तक पूरा कराने के बोर्ड निर्माण स्थल पर लगाए गए हैं। योजना की लागत 12.33 करोड़ आंकी गई है और एयरपोर्ट अथारिटी आफ इंडिया के सहयोग से यह प्रोजेक्ट बना है।

सब जानते हैं कि प्रोजेक्ट समय पर पूरा न होने से इस की लागत में असामान्य बढ़ोतरी होती है। ठेकेदार अविलंब के लिए अनाप – शनाप बहाने बनाकर परियोजना का मूल्य बढ़ा लेते हैं।

मार्डन दून लाइब्रेरी परियोजना का ठेका उत्तराखंड पेयजल संस्थान एवं निर्माण निगम के पास है।

निर्माणाधीन भवन में अब खिड़की – दरवाजे और रंग रोगन का फिनिशिंग से जुड़ा काम ढुलमुल रवैये पर है।

परियोजना के लिए वित्त उपलब्ध करा रही भारत सरकार की संस्था ने ढुलमुल काम पर कई बार एतराज जाहिर किए हैं।

देहरादून स्मार्ट सिटी लिमिटेड के पास तैयार परियोजनाओं को गिनाने का टोटा नज़र आता है।

कहने को स्मार्ट टायलेट, वाटर एटीएम, इलैक्ट्रानिक डिस्पले बोर्ड, पलटन बाजार में दुकानदारों की नाराजगी के टूटते – फूटते निर्माण भी हैं।

देहरादून स्मार्ट सिटी में इलैक्ट्रिक बसें राजपुर, रायपुर और सेलाकुई रोड़ पर पर्यावरण परिवहन का पर्याय हैं।

 

शहर में घंटाघर के पांच किलोमीटर के दायरे में पार्किंग बेलगाम हैं। घंटाघर के मुहाने पटेल पार्क से लेकर दिलाराम बाजार के आगे तक गाड़ियों की पार्किंग का ठेका सड़कों में जाम लगाने की आफत है।

दुकानों के आगे सड़कों पर पार्किंग व्यवस्था स्मार्ट शहर की साफ सफाई में भी बाधा है।

स्मार्ट टायलेट से ज्यादा शहरवासियों के लिए हरित पार्क और सुबह शाम की घुमाई के लिए खुले स्थान व ट्रेक ज्यादा जरूरी हैं।
पदचिह्न टाइम्स।

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