अक्षर ज्ञान से कभी राष्ट्र निर्माण नहीं होता – तरूण विजय !
शिक्षा से छात्रों के जीवन मूल्य और भाव संसार बनता है।
अक्षर ज्ञान से राष्ट्र निर्माण नहीं होता – तरूण विजय !
शिक्षा से छात्रों के जीवन मूल्य और भाव संसार बनता है।
राष्ट्रीय शिक्षा दिवस -11 नवंबर 2024 पर आयोजित मौलाना आजाद स्मृति व्याख्यान
माला के मुख्य वक्ता तरूण विजय ने कहा – अक्षर ज्ञान से राष्ट्र निर्माण नहीं होता है।
शिक्षा से छात्रों का भाव संसार निर्मित होता है – भारत की परिभाषा गढ़ती है।
छात्र का सबसे पहला आचार्य और कुलपति माँ होती है – वही शब्द की परिभाषा और
सँस्कृति का बोध कराती है।
शिक्षा का उद्देश्य नौकरशाह बनना नहीं अपितु दास मानसिकता से मुक्त ,
अपना शासक खुद बनना है। अक्षर ज्ञान के साथ, भारत के जीवन मूल्य को समझना और
पित्रों को श्राद्ध देना शिक्षा का लक्ष्य बने।
वामपंथी नेहरूवादी सोच ने हर विषय में अमंगल की कामना की और देश को
नुक्सान पहुंचाया है।
भारतीय मूल के नागरिक आज अमेरिका में बहुराष्ट्रीय कंपनियों में अग्रणी भूमिका निभा रहे हैं।
सैंकड़ो वर्षों तक भारत की मेधा ने चीन, कंबोडिया, थाईलैंड, म्यंमार आदि देशों में ज्ञान फैलाया है।
आज हम फिर ए आई- आर्टिफिसियल इंटैलिजैंस क्षेत्र में अग्रणी बनकर विश्व गुरू हो सकते हैं।
पूर्व राज्यसभा सांसद और प्रखर पत्रकार तरूण विजय राष्ट्र निर्माण और आत्मनिर्भर भारत में
शिक्षा की भूमिका विषय पर व्याख्यान दे रहे थे। 15 वें मौलाना आजाद स्मृति व्याख्यान का आयोजन
राष्ट्रीय शैक्षिक योजना एवं प्रशासन संस्थान – नेपा ने दिल्ली में किया।
– भूपत सिंह बिष्ट।