वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने बढ़ा दी बैंकर्स फैमली पैंशन !
बैंक अंशदान एनपीएस में 14 फीसदी और फैमली पैंशन सबको 30 प्रतिशत, ।
वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने बढ़ा दी बैंकर्स फैमली पैंशन !
बैंक अंशदान एनपीएस में 14 फीसदी और फैमली पैंशन सबको 30 प्रतिशत, ।
– भूपत सिंह बिष्ट
भारत की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बैंककर्मियों की फैमली आश्रित पैंशन में सुधार करते हुए अब 15 प्रतिशत के सलैब को बढ़ाकर 30 प्रतिशत करने की मंजूरी दी है और पब्लिक सेक्टर बैंक राष्ट्रीय पैंशन स्कीम में अपना अभिदान 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 14 प्रतिशत करेंगे।
कोविड आपदा काल में देश की आर्थिक दशा सुधारने में बैंकर्स के योगदान को सराहते हुए वित्तमंत्री ने अपने मंत्रालय के तमाम विभागों द्वारा लागू की जा रही कोविड आर्थिक योजना के चौथे चरण की घोषणा की।
निर्मला सीतारमण कल मुंबई में पब्लिक सेक्टर बैंक की रिव्यू मीटिंग को संबोधित कर रही थी। वित्त सचिव देवाशीष पांडा ने सरकार की ओर से घोषणा की – ग्यारहवें द्वि पक्षीय समझौते में आगे बढ़ते हुए सरकार ने बैंकर्स आश्रितों की फैमली पैंशन में बड़ा सुधार कर लिया है। अब पहले वाली 15 प्रतिशत – 20 प्रतिशत – 30 प्रतिशत अधिकतम श्रेणियों की बाध्यता को समाप्त करते हुए सरकार ने सभी के लिए समान अंतिम बेसिक वेतन का 30 प्रतिशत फैमनी पैंशन भुगतान का निर्णय लिया है।
सी एच वैंकटाचलम, जनरल सेक्रेटरी, आल इंडिया बैंक इम्पलाइज एशोसियेशन ने पत्र जारी करते हुए बताया है कि सरकार से पैंशन सुधार का मामला दशकों से अटका हुआ है और पहली बार इंडियन बैंकर एसोशियेशन के अध्यक्ष और स्टेट बैंक के पूर्व चेयरमैन रजनीश कुमार ने फैमली आश्रित पैंशन को सभी वर्गों के लिए अंतिम बेसिक वेतन का 30 प्रतिशत तक बढ़ाने की मंजूरी हासिल की है।
अब इस सुधार के बाद सभी मृतक बैंककर्मियों के परिवार को अलग – अलग कैडर सबस्टाफ, क्लर्क और अधिकारी वर्ग में चार हजार से लेकर अठाइस हजार पांच सौ तक की अतिरिक्त वृद्धि मिलने लगेगी।
वित्त सचिव देवाशीष पांडा ने सरकार की ओर से यह जानकारी भी दी कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक अब राष्ट्रीय पैंशन स्कीम (एनपीएस) में अपना अभिदान चार फीसदी बढ़ाकर, 14 प्रतिशत करेंगे। अभी तक सरकारी बैंक एंप्लायर के रूप में अपने कर्मचारियों के बराबर 10 प्रतिशत का अभिदान पैंशन फंड में करते आ रहे हैं। अब बैंक 14 प्रतिशत और कर्मचारी 10 प्रतिशत का अंशदान एनपीएस फंड में करेंगे।
– भूपत सिंह बिष्ट