कोरोना अब चौथी लहर का इंतजार तथा नोबल कोरोना का दो साल पुराना दंश !
चीन में फिर से लाक डाउन, आज झंडे मेले का शुभारंभ और कल धामी जी की नई सरकार का शपथ ग्रहण समारोह ।
कोरोना अब चौथी लहर का इंतजार तथा नोबल कोरोना का दो साल पुराना दंश !
चीन में फिर से लाक डाउन, आज झंडे मेले का शुभारंभ और कल धामी जी की नई सरकार का शपथ ग्रहण समारोह ।
उत्तराखंड के नए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का शपथ ग्रहण समारोह परेड ग्रांउड में धूमधाम से आयोजित किया जा रहा है।
इस भव्य आयोजन में प्रधानमंत्री, गृहमंत्री और अनेक राज्यों के मुख्यमंत्री अतिथि हैं।
उत्तराखंड विधानसभा हेतु चुनाव आयोग ने कोरोना के चलते बड़ी चुनाव सभायें और वाहन रैली पर प्रतिबंध लगाया था। पहली बार आनलाइन रैली और वीडियो प्रचार का उपयोग मतदाताओं को रिझाने में बड़े पैमाने पर हुआ है।
आज उत्तराखंड में कोरोना के 22 मामले निकले हैं। सक्रिय मरीज 297, इस साल की मौत 272, (इन में 172 देहरादून जनपद में) दर्ज हैं।
कोरोना वायरस के नए रूपांतरण एक लहर की तरह विश्व महामारी का कारण बनते हैं।
मार्च 2020 से अब तक संसार में करोड़ों लोगों ने जान गंवाई है।
कोरोना के बुरे प्रभाव से नेता तक ग्रसित हैं। अब अचानक में चीन से लाकडाउन और कोरोना की चौथी लहर की खबर आ रही हैं।
कोरोना वैक्सीनेसन 80 लाख 13 हजार को दोनों खुराक और 86 लाख 26 हजार को एक डोज लग पायी है – दावा पिछले साल तक पूर्ण वैक्सीनेसन का रहा है।
अब दो साल पहले कोरोना कर्फ्यू और उस के बाद कोरोना लाकडाउन की यादें सिहरन पैदा करने में काफी हैं।
आज भी कोरोना की दवा नहीं है, बस प्रतिरोधकता बढ़ाने के लिए वैक्सीनेसन है। अस्पताल सेवायें नाकाफी हैं।
कोरोना आपदा की दस्तक के ठीक पहले लापरवाही और गैर – जिम्मेदारी का आलम दो साल पहले कुछ ऐसा था – जौली ग्रांट एयरपोर्ट देहरादून !
यहां कोरोना पीड़ितों की जांच में घोर लापरवाही का आलम संक्रमण को निमंत्रण दे रहा है। मात्र एक थर्मल गन के भरोसे सैकड़ों यात्रियों की जांच कैसे संभव है ?
उल्लेखनीय है कि हवाई जहाज में संक्रमित बीमारी फैलना ज्यादा आसान है क्योंकि यात्रियों के साथ चढ़ने – उतरने – बैठने में यह तुरंत फैल सकता है।
छत्रपति शिवाजी महाराज एयरपोर्ट, मुंबई में मैंने यह जानकारी सीआरपीएफ के जवानों से ली तो पता चला कि विदेश से आने – जाने वाले सभी यात्रियों की पुख्ता जाँच जारी है और उनका रिकार्ड एयरपोर्ट पर रखा जा रहा है।
घरेलु उड़ान भरने वालों को खुद जांच के लिए आगे आना है। ऐसे में यात्रा पूरी करने के बाद देहरादून एयरपोर्ट के निकासी गेट पर कोरोना जांच एक रस्म अदायगी दिखती है।
फिर भी सरकार संक्रमण रोकने के लिए गम्भीर है तो ज्यादा थर्मल गन मुहैया रहें, ताकि जांच के वक्त मछली बाजार के दृश्य न बने और भीड़ में संक्रमण बचाव की सुनियोजित व्यवस्था भी रहे।
सजगता और सावधानी के बाद भी वायरस बीमारियों का संक्रमण हो जाये — तब हास्पीटल, डाक्टर, नर्स, दवाई और स्पेशलाइजेशन के क्या सरकारी इंतजाम हैं ? यह सूचना भी उपलब्ध होनी चाहिए।
एडस, टीबी, स्वाईन फलू, डिप्थिरिया आदि भी कोरोना जैसी संक्रमण वाली घातक बिमारियां है और सभी संक्रमण वाली बीमारियों से सजगता में सावधानी,भीड़ से बचने, लगातार हाथ धोने, जगह – जगह ना थूकनें और गंदगी फैलाने से बचना है।
—भूपत सिंह बिष्ट