कांग्रेस में निर्णय पीए और गार्ड लेते हैं – गुलाम नबी आजाद !
आजाद अब जम्मू - कश्मीर चुनाव में नई पार्टी बनाकर बीजेपी सहयोगी हो सकते हैं।
कांग्रेस में निर्णय पीए और गार्ड लेते हैं – गुलाम नबी आजाद !
आजाद अब जम्मू – कश्मीर चुनाव में नई पार्टी बनाकर बीजेपी सहयोगी हो सकते हैं।
भारत जोड़ो आंदोलन के दौरान कांग्रेस को एक और नेता गुलाम नबी आजाद पीठ दिखा गए।
अपने चार पेज के इस्तीफे में आजाद ने कांग्रेस की पराजय के लिए राहुल गांधी, उनके पीए और गार्ड को निर्णय लेने वाला बताया है।
आजाद ने पिछले दो लोकसभा और 39 विधानसभा चुनाओं में हार का ठिकरा राहुल गांधी पर फोड़ा है।
कांग्रेस में जी – हजूरी और रिमोट कंट्रोल संस्कृति पनपी है।
कांग्रेस अध्यक्ष पद पर गांधी परिवार के खासमखास राजस्थान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का नाम चलने से आजाद अपना भविष्य अंधकार में पा रहे थे।
आजाद अपने 22 मित्रों के साथ कांग्रेस अध्यक्ष श्रीमती सोनिया गांधी के लिए चुनौती बने थे।
कपिल सिब्बल इसी क्रम में कांग्रेस छोड़ चुके हैं और अब हिमाचल के आनंद शर्मा भी उनका साथ दे सकते हैं।
कांग्रेस के सेक्रेटरी जनरल जयराम रमेश ने गुलाम नबी आजाद के इस्तीफे को संगठन से धोखा करार दिया है।
पचास साल कांग्रेस में सत्ता सुख भोगने के बाद आजाद पार्टी के मंहगाई विरोधी, बेरोजगारी और भारत जोड़ो आंदोलन के दौरान बीजेपी के खिलाफ खड़े नहीं रह पाये।
गुलाम नबी आजाद ने कांग्रेस को सलाह दी है कि भारत जोड़ो यात्रा से पहले कांग्रेस जोड़ो यात्रा की जरूरत है।
गुलाम नबी आजाद बीजेपी के लिए आगामी जम्मू – कश्मीर चुनाव में मुफीद साबित होने वाले हैं।
फिलहाल कांग्रेस की कमजोर कड़ियां 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले बिखरना जारी है।
— भूपत सिंह बिष्ट